आओ, जानें क्या है बोशिया (पैरा ओलम्पिक खेल)  ?


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इस खेल में प्रयोग की जाने वाली बाल कोई आम बाल नहीं होती, यह अलग अलग तरह से बनाई जाती है, भारत में इनको तैयार नहीं किया जाता, इन बालों की भी अलग अलग किस्में है, इनका भार 885 ग्राम होता है, खेल से पहले खिलाड़ियों को उनकी चोटों के आधार पर डाक्टरों द्वारा क्लासीफाई किया जाता है, इनकी विभिन्न श्रेणियां हैं बी.सी.एक, बी.सी 2, बी.सी 3, बी.सी.4। जिसके बाद खिलाड़ियों को अपनी अपनी श्रेणी में खेलने की आज्ञा दी जाती है। 
बोशिया इंडिया को बोशिया की अन्तर्राष्ट्रीय फैडरेशन (बोशिया इंटरनैशनल स्पोर्ट्स फैडरेशन लंदन) तथा नैशनल पैरा ओलम्पिक कमेटी (पैरा ओलम्पिक कमेटी आफ इंडिया) तथा भारतीय खेल मंत्रालय, दिगी द्वारा बतौर नैशनल स्पोर्ट्स फैडरेशन मान्यता प्राप्त है। आज कल यह खेल पूरे भारत में बढ़ रहा है इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जो व्यक्ति किसी भी कारण अपाहिज है तथा बैठे हैं उनमें खुद कुछ करने का जज़्बा पैदा करना, उनको मौका देना ताकि वह अपने तथा अपने देश का नाम रौशन कर सके। उनको एक नया रास्ता दिखाना, जिससे वह भविष्य में भारत को पैरा-ओलम्पिक में मैडल दे सकें। 
हाल ही में हुई एशियन पैरा गैम्स 2018, जकार्ता इंडोनेशिया में भारत ने पहली बार बोशिया खेल में हिस्सा लिया तथा विरोधियों को काफी टक्कर दी तथा भारत का झंडा इंडोनेशिया में लहराया। किसी भी खेल को खेलने के लिए ना ही जोर की जरूरत होती है बल्कि जरूरत है तो सिर्फ हौंसले, हिम्मत व एक जज़्बे की।
बोशिया इंडिया द्वारा समय-समय पर विभिन्न इवैंट करवाए गए हैं, जैसे कि जिला स्तर पर, स्टेट स्तर पर, इसके अतिरिक्त नैशनल स्तर पर, कुछ समय पहले लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी में बोशिया को लेकर एक वर्कशाप करवाई गई, जिसमें लगभग तीस खिलाड़ियों ने भाग लिया, इसके अतिरिक्त भारतीय टीम ने 2018 में बोशिया के अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबले जो दुबई में हुए उनमें हिस्सा लिया तथा बढ़िया प्रदर्शन किया।
भारतीय खेल मंत्रालय के सहयोग से एशियन खेलों की बोशिया टीम का कोचिंग कैंप स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया के सैंटर विशाखापटनम में लगाया गया। बोशिया इंडिया के पास आज तक काफी खिलाड़ियों  की रजिस्ट्रेशन हो चुकी है
 मानवता की भलाई के लिए भी यह एक बहुत बढ़िया साधन है कि हम उनके साथी बने जिनको हमारे साथ की ज्यादा ज़रूरत है तथा इस खेल को भारत के हर कोने में पहुंचाएं ताकि कोई भी अपाहिज व्यक्ति इस खेल का लाभ उठाने से रह न जाए। भारत की बोशिया टीम अब इसको स्कूलों, कालेजों तथा यूनिवर्सिटीयों में विकसित करने का प्रयास कर रही है ताकि अपाहिज व्यक्तियों या बच्चों को ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें ताकि वह अपना शारीरिक तथा मानसिक विकास कर सकें साथ ही अपना भविष्य भी इस खेल में उज्जवल कर सकें इस खेल के बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए हर सोशल मीडिया तथा बोशिया इंडिया की साइट्स तथा लिंक मौजूद है, जिसको बोशिया इंडिया लिख कर आसानी से ढूंढा जा सकता है। (समाप्त)