रोडवेज़ कर्मचारियों द्वारा मंत्री हटाओ आंदोलन की घोषणा

जालन्धर, 22 दिसम्बर (मेजर सिंह): पंजाब रोडवेज़ कर्मचारी संयुक्त एक्शन कमेटी ने कैप्टन सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट माफिया समाप्त करने के वायदे को पूरा न करने व मंत्री द्वारा विभाग के पक्ष में कोई भी कार्रवाई न किए जाने के कारण ट्रांसपोर्ट मंत्री हटाओ, रोडवेज़ बचाओ आंदोलन चलाने की घोषणा की है। इस आंदोलन तहत नए वर्ष के पहले दिन एक जनवरी को सभी डिपुओं के गेटों पर बैठकें कर मंत्री का प्रदर्शन किया जाएगा तथा फिर 2 से 4 जनवरी तक लगातार चंडीगढ़ में धरना दिया जाएगा। यदि फिर भी सरकार की नींद न खुली तो 8-9 जनवरी को पंजाब भर में रोडवेज़ का चक्का जाम किया जाएगा। यह जानकारी संयुक्त एक्शन कमेटी के कन्वीनर मंगत खान व साथियों ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते दी। रोडवेज़ कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कैप्टन सरकार ने बनते ही पंजाब से माफिया राज समाप्त करने की घोषणा की थी, परन्तु पौने दो वर्ष गुज़र गए हैं परन्तु ट्रांसपोर्ट विभाग में माफिया पहले से भी मज़बूत हो गया है। उन्होंने बताया कि आज तक टाइम टेबलों में हुई धांधली समाप्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। नई ट्रांसपोर्ट नीति कोई बनाई ही नहीं। निजी बस कम्पनियों की अवैध बसें धड़ल्ले से चल रही हैं। निजी ट्रांसपोर्टरों से मिलीभगत कर अफसरशाही रोडवेज़ के टाइम मिस कर सरकारी कम्पनी को करोड़ों रुपए का चूना लगा रही है। निजी बस कम्पनियों के होशियारपुर से टांडा बिना नए परमिट जारी किए चक्कर 41 से बढ़ा 47 कर दिए गए हैं। इससे रोडवेज़ के 712 मिनट काटे गए हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने निजी कम्पनियों को गलत ढंग से बढ़ाए 12 हज़ार के लगभग परमिटों को रद्द करने के फैसले को भी लागू नहीं किया जा रहा। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि मंत्री ने कर्मचारी नेताओं को मुलाकात का भी समय नहीं दिया तथा रोडवेज़ की बेहतरी के लिए उन्होंने एक भी बैठक नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी के पति ही असल में विभाग चला रहे हैं। पहले उन्होंने शिक्षा विभाग का भट्ठा बिठाया था तथा अब ट्रांसपोर्ट का भी वही हाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली बार रोडवेज़ की 249 बसों को बाडियां हरियाणा रोडवेज़ से लगवाई थीं परन्तु अब बिना कोई कारण बताए नई 299 बसों को जयपुर की निजी कम्पनी से लगवाई हैं।