बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान


बढ़ती उम्र जीवन का एक जरूरी पड़ाव है जिसे नकारा नहीं जा सकता। बढ़ती उम्र में सक्रियता कम होना, कम सुनना, कम दिखना, शरीर का ढीला होना, पाचन प्रणाली का कमजोर होना साधारण है। अगर बच्चे इन्हें नार्मल लें और उनकी सेहत व डायट का ध्यान और प्यार देें तो बुजुर्ग ज्यादा खुशी से अपना बुढ़ापा काट सकते हैं। आइए देंखे किन बातों पर गौर फरमा कर हम उन्हें विशेष महसूस करा सकते हैं।
डायट:-
- उनकी डायट में फल-सब्जियां बढ़ा दें। घी, चीनी,नमक, चावल, मैदा कम कर दें ताकि बढ़ती उम्र में अपना वजन नियंत्रित कर सकें।
- प्रयास कर उन्हें पौष्टिक आहार दें जिसमें कार्बोहाइडे्रट के साथ प्रोटीन, मिनरल्स भी मौजूद हों जैसे ओट्स, गेहूं का दलिया, अनाज, दही, दूध, पनीर, हरी सब्जियां, दालें दोपहर के समय और मौसमीं फल दें। रात्रि में आसानी से पचने वाला आहार समय पर दें।
- विटामिन से भरपूर फल और एंटी आक्सीडेंट वाली चीजें खाने को दें जैसे ब्रोकली, पालक, शकरकंदी, सीताफल, फलों में जामुन, ब्लूबेरी, कीवी, संतरा, मौसमी, किशमिश और अखरोट।
- रेशेदार खाद्य पदार्थ खाने को दें। फल सब्जियों का सूप, सलाद आदि। ताकि पेट की ताल ठीक रहे।
- फ्लैक्स सीड्स, खरबूज, तरबूज व सीताफल के बीज भून पीस कर दें। डायट में सोयाबीन भी शामिल करें। 
- दूध और दूध से खाद्य पदार्थ दें।
उनके लिए व्यायाम भी जरूरी है:-
- प्रयास कर उम्र बढ़ने के साथ वजन बढ़ने न दें। वजन पर काबू रखने के लिए उन्हें हल्के व्यायाम करने को प्रोत्साहित करें। 
- हाथों, पैरों, गर्दन, बाजुओं, उंगलियों, कलाइयों की सूक्ष्म क्रियाएं सिखाएं ताकि टीवी देखते समय या खाली समय में वह करते रहें।
- फिक्स साइकलिंग, योगासन करने को प्रोत्साहित करते रहें पर हर व्यायाम अपनी क्षमतानुसार ही करें।
- प्रात: व शाम सुविधानुसार सैर पर जाएं और अन्य बुजुर्गों के साथ बातचीत करें ताकि उनके जीवन में बदलाव रहे।
- प्राणायाम, मेडिटेशन भी उन्हें किसी प्रशिक्षित प्रशिक्षक से सिखाएं या आसपास योगा, मेडिटेशन सेंटर में उनका दाखिला करा दें ताकि नियमित रूप से उनका शरीर और दिमाग सक्रिय रह सके।॒ (स्वास्थ्य दर्पण)
-सुनीता गाबा