लाभकारी मुलहठी


प्राचीन काल से लेकर अब तक मुलहठी को उन तमाम महत्त्वपूर्ण औषधियों में से एक गिना जाता है, जिसका उपयोग प्राय: मनुष्य के विभिन्न प्रकार के रोगों निदान हेतु अति आवश्यक समझा गया है। शायद यही एकमात्र वजह है कि स्वाद में मीठी जड़ों वाला मुलहठी रूपी अद्भुत औषधीय पौधा आज की तारीख में हरेक घर में अपनी एक खास पहचान बना चुका है।
बहरहाल, वर्तमान समय में अधिकांश घरेलू चिकित्सा कार्यों में नित अमल में आने वाली मुलहठी की जड़ों के कुछ मुख्य औषधीय गुण निम्न प्रकार से हैं। मांसपेशियों एवं जोड़ों के दर्द से राहत:- देखने में आता है कि बड़े-बुजुर्गों को अक्सर शरीर के जोड़ों में भयंकर दर्द की शिकायत रहती है। यदि आप चाहते हैं कि उनको इस दर्द से छुटकारा मिल जाये तो मुलहठी की जड़ों को पूरी रात पानी में भिगोकर रखने के उपरांत उसके पानी का सेवन कराएं। यकीनन, पुराने से पुराने जोड़ों एवं मांसपेशियों के दर्द से काफी हद तक राहत पायी जा सकती है।
कब्ज़ की छुट्टी:- यूं तो आए दिन किसी न किसी को कब्ज़ की शिकायत से दो-चार होना ही पड़ता है लेकिन यदि आप मुलहठी के पाऊडर को गुड़ और पानी के साथ लेते हैं तो निस्संदेह कब्ज रूपी इस गंभीर समस्या से छुट्टी मिल सकती है।
घावों को जल्दी भरें:- चिकित्सकों का मानना है कि मुलहठी के बारीक चूर्ण को मक्खन, घी अथवा शहद के संग मिलाकर घावों पर लेप लगाने से ये अतिशीघ्र ठीक हो जाते हैं और शरीर पर कोई काला निशान भी शेष नहीं रह जाता।
मुंह के छाले मिटाएं:- आयुर्वेद के मुताबिक, मुलहठी की जड़ों को स्वच्छ जल में कुछ समय तक डुबोकर रखने के पश्चात् उस पानी से गरारे करने से मुंह में मौजूद छालों का नाश हो जाता है।
बालों को झड़ने एवं टूटने से बचायें:- महिलाओं और पुरुषों को सदैव अपने लंबे-लंबे केशों के झड़ने एवं टूटने की चिंता रहती है लेकिन सही मायने में देखा जाये तो इस स्थिति में मुलहठी बालों के लिए बहुत प्रभावकारी होती है। सो, बालों को झड़ने एवं टूटने से रोकने के लिए मुलहठी की जड़ों को दूध में मिश्रित करके पीसकर थोड़ी मात्रा में केसर का समावेश कर पेस्ट तैयार कर लेने के बाद रात को सोने से पूर्व बालों की जड़ों में लगायें। निस्संदेह, बालों के झड़ने एवं टूटने की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा और बाल घने एवं मुलायम बन जायेंगे। 
पेट के अल्सर से निजात:- कभी-कभार व्यक्ति को नहीं चाहते हुये भी पेट में अल्सर की समस्या परेशान करके रख देती है। इसलिए मुलहठी की सूखी जड़ों को सम्पूर्ण रात्रि भिगोने के पश्चात् उसके पानी को चावल के दलिया के साथ सेवन में लेने से अल्सर जैसी भयानक समस्या खुद-ब-खुद छूमंतर हो जाती है। इसके अलावा, मुलहठी की जड़ें गले से संबंधित अनेक प्रकार के विकारों में रामबाण दवा साबित हुई हैं, अतएव घरेलू चिकित्सा पद्धतियों में इसका प्रयोग करना बिल्कुल नहीं भूलें। हकीकत में यह हमेशा आपके लिए हितकारी रहेगी। (स्वास्थ्य दर्पण)
-अनूप मिश्रा