...जब हरसिमरत ने चाचा गुरदास को दिया खाने का न्यौता

श्री मुक्तसर साहिब, 30 दिसम्बर (अ.स.): विगत समय से बादल परिवार में बढ़ी राजनीतिक कड़वाहट ने परिवार में हालांकि दूरियां बढ़ा दी थीं, परन्तु बादल परिवार के प्रशंसक इन बढ़ी दूरियों को लेकर चिंतित थे परन्तु इस राजनीतिक कड़वाहट को चाहते हुए भी परिवार के समर्थक इसको दूर नहीं करवा सके। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल एवं उनके भाई गुरदास सिंह बादल पूर्व सांसद इस बढ़ी राजनीतिक कड़वाहट के बावजूद भी आपस में मिलकर स्वास्थ्य का हाल-चाल पूछते रहे हैं। विगत कुछ समय पहले मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पंजाब विधानसभा में और बाहर स. सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर बादल एवं बिक्रम सिंह मजीठिया को तीखी टिप्पणियां करके निशाना बनाया गया। जिसके पश्चात सुखबीर, मजीठिया एवं हरसिमरत कौर बादल ने भी मनप्रीत सिंह बादल एवं उसके साले जैजीत सिंह जौहल पर राजनीतिक हमले किए जिससे पारिवारिक कड़वाहट बढ़ती गई। वर्णनीय है स. प्रकाश सिंह बादल अपने भतीजे मनप्रीत सिंह बादल को राजनीति में लाए थे और उन्होंने अपनी पैतृक सीट गिद्दड़बाहा मनप्रीत सिंह को छोड़ दी थी, जिसके पश्चात लगातार यहां से विधायक बनकर राजनीति की सीढ़ियों पर चढ़े। स. प्रकाश सिंह बादल ने अभी भी कोई इनके खिलाफ बयान नहीं दिया और न ही मनप्रीत सिंह बादल ने कभी स. प्रकाश सिंह को बुरा बोला है। आज गांव बादल में स्वाभाविक ही स. गुरदास सिंह बादल के साथ पंचायत चुनावों दौरान वोट डालते समय पोलिंग बूथ के बाहर सुखबीर सिंह बादल एवं हरसिमरत कौर बादल के साथ भेंटवार्ता हुई, जिसमें सुखबीर एवं हरसिमरत कौर ने उनसे माथा टेककर आशीर्वाद लिया और हरसिमरत ने अपने चाचा ससुर को आवास पर खाने का न्यौता दिया। इसके पश्चात खुश होते गुरदास सिंह बादल ने कहा कि मनप्रीत को राजनीति में प्रकाश सिंह बादल ने बहुत कुछ सिखाया है। बीबी हरसिमरत ने गुरदास सिंह बादल को कहा कि मेरे सिर पर जो आपने हाथ रखा है, इस आशीर्वाद को इसी तरह बनाए रखना। राजनीतिक खेमों में इस मिलनी की काफी चर्चा हो रही है और इस मिलनी के साथ यह भी साबित हुआ है कि भले ही बाल परिवार में राजनीतिक कड़वाहट बरकरार है, परन्तु पारिवारिक सांझ कायम है।