600 अत्याधुनिक टैंक खरीदेगा पाकिस्तान

नई दिल्ली, 30 दिसम्बर (भाषा) : ऐसे में जब भारतीय थल सेना के बख्तरबंद रेजीमेंटों का आधुनिकीकरण धीमी गति से चल रहा है, पाकिस्तान ने करीब 600 युद्धक टैंक खरीदने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है जिसमें रूस से ‘‘टी -90’’ टैंक हासिल करना भी शामिल है। सैन्य और खुफिया सूत्रों ने रविवार को यह दावा किया। पाकिस्तान की इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से भारत से लगी सीमा पर अपनी लड़ाकू क्षमता को मजबूत बनाना है। सूत्रों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर टैंक तीन से चार किमी की दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम होंगे और वे कुछ टैंकों को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि युद्धक टैंकों के अलावा पाकिस्तानी सेना इटली से 150 एमएम की 245 एसपी माइक-10 भी खरीद रही है, जिनमें से 120 तोपें यह प्राप्त कर चुकी हैं। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान रूस से कई ‘टी-90’ युद्धक टैंक खरीदने की सोच रहा है, जो भारतीय थल सेना का मुख्य आधार है। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने 2025 तक अपने अपने बख्तरबंद बेड़े को मजबूत करने के लिए वैश्विक स्तर पर कम से कम 360 युद्धक टैंक खरीदने का फैसला किया है। इसके अलावा चीन की मदद से वह 220 टैंकों को स्वदेश में तैयार कर रहा है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि भारतीय थल सेना के बख्तरबंद रेजीमेंटों का आधुनिकीकरण प्रक्रियागत विलंब के चलते धीमी गति से चल रहा है और इस मुद्दे की जांच सरकार के बहुत उच्च स्तर पर की जा रही है। भारतीय थल सेना ने भी अपनी इंफैंट्री और बख्तरबंद कोर का आधुनिकीकरण करने की एक बड़ी योजना बनाई है। हालांकि, 60,000 करोड़ रुपये का ‘फ्यूचरिस्टिक इंफैंट्री कॉम्बैट व्हेकिल’ (एफआईसीवी) कार्यक्रम विभिन्न कारणों को लेकर अटक गया है। फिलहाल, भारत के बख्तरबंद रेजीमेंटों में मुख्य रूप से टी-90, टी-72 और अर्जुन टैंक शामिल हैं जिससे उसे पाकिस्तान पर कुछ सर्वोच्चता हासिल है। भारतीय थल सेना के करीब 67 बख्तरबंद रेजीमेंटों की तुलना में पाकिस्तान थल सेना के इसी तरह के रेजीमेंटों की संख्या करीब 51 है। सूत्रों ने बताया कि टी-90 टैंकों के अलावा, पाकिस्तान थल सेना चीनी वीटी-4 टैंक तथा यूक्रेन से अपलोड-पी टैंक हासिल करने की प्रक्रिया में है।