क्या भारत रच पायेगा ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने का इतिहास ?

निर्णय लेने में की गई कई गलतियों के बावजूद मेलबर्न के एमसीजी ग्राऊंड में भारतीय क्रिकेट टीम ने जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया को 137 रनों से मात देकर 70 सालों में पहली बार बॉक्सिंग डे टैस्ट जीता है, उसके बाद से हर क्रिकेट प्रेमी हिंदुस्तानी की जुबान में एक ही सवाल है- क्या भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया से, ऑस्ट्रेलिया में टैस्ट सीरीज जीत लेगा? एक हिंदुस्तानी होने के नाते हम जानते हैं कि हम सबकी तरफ से इस सवाल का जवाब होगा, ‘हां’। लेकिन क्रिकेट दुनिया का सबसे ज्यादा अनिश्चितताओं का खेल है। कहते हैं क्रिकेट में जब तक आखिरी गेंद न फेंक दी जाए या कि आखिरी रन न बना लिया जाए अथवा आखिरी विकेट न चटखा लिया जाए, तब तक दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि कौन जीतेगा? क्रिकेट की यही अनिश्चितता इसका रोमांच भी है और इसकी खूबसूरती भी। इसलिए भारतीय क्रिकेट टीम के पक्ष में बहुत सारी बातें होने के बावजूद जब तक भारत सचमुच 3 से 8 जनवरी 2019 के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में होने वाले चौथे और आखिरी टैस्ट मैच को जीत नहीं लेता, तब तक अंतिम रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि भारत इतिहास रच पायेगा। हालांकि जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है कि भारत के पक्ष में बहुत सारी बातें हैं इनमें दो सबसे महत्वपूर्ण बातें ये है कि एक तो सिडनी में अगर हिंदुस्तान नहीं भी जीतता और टैस्ट को ड्रा भी करा देता है, तब भी भारत इतिहास रचने में कामयाब रहेगा। जबकि दूसरी महत्वपूर्ण बात जो भारत के पक्ष में जाती है वह यह है कि सिडनी की पिच स्पिनर्स को मदद करती है। लेकिन इस सबके बावजूद सिडनी का रिकॉर्ड बहुत डरावना है। भारत यहां आजादी के तुरंत बाद यानी 1947 से क्रिकेट खेल रहा है, लेकिन पिछले 73 सालों में अब तक खेले गये 11 टैस्ट मैचों में हम सिर्फ एक बार ही जीत हासिल कर पाये हैं। पांच बार हमें कंगारूओं के हाथों जबरदस्त पराजय मिली है और पांच बार बिना किसी नतीजे के मैच समाप्त हुए हैं यानी पांच टैस्ट ड्रा रहे हैं। भारत ने अब तक के इतिहास में पहली और आखिरी बार बिशन सिंह बेदी के नेतृत्व में 7 से 12 जनवरी 1978 के बीच खेले गये मैच में जीत हासिल की थी, तब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को एक पारी और दो रनों से हराया था। जबकि भारत पहली बार यहां 23 से 31 जनवरी 1968 के बीच खेले गये मैच में पराजित हुआ था। इसके बाद 2 से 4 जनवरी 1981 में खेले गये मैच में भी हम पराजित हुए थे। यही हाल 2 से 4 जनवरी 2000 में खेले गये मैच भी रहा, जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत के विरूद्ध पारी और 141 रन से जीत हासिल की थी। अंतिम बार भारत यहां 3 से 6 जनवरी 2012 में खेले गये टैस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों पारी और 68 रनों से पराजित हुआ था। 6 से 10 जनवरी 2015 को अब से पहले यहां अंतिम बार भारत और ऑस्ट्रेलिया आपस में टकराये थे, जिसमें विराट कोहली ने शतक भी बनाया था। लेकिन यह मैच भी भारत जीत नहीं सका था। लेकिन इतिहास, इतिहास होता है। इतिहास चाहे जितना एकतरफा रहा हो, हर बार उसके बदले जाने के चांस रहते हैं। जिस तरह से भारत ने बॉक्सिंग डे टैस्ट मैच जीता है, वह भी तो इतिहास की नजर से देखने में हमारे लिए मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन सा दिखाई पड़ रहा था। क्योंकि भारत ऑस्ट्रेलिया में अब तक जितने भी मैच जीते हैं, उनमें से एक भी बॉक्सिंग डे टैस्ट मैच नहीं था। इसके बावजूद भारत ने जिस तरीके से मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को 137 रनों से मात दी, उससे इतिहास की तमाम बातें गलत साबित हो गई हैं। भारत के इस बार ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचने की उम्मीदें सिर्फ भारतीय ही नहीं कर रहे बल्कि तमाम ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गजों का भी मानना है कि भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया को मात दे सकता है। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज डीन जोंस ने तो भारत के 3-0 से जीतने की उम्मीद इस श्रृंखला के शुरू होने के पहले ही जताई थी। हालांकि अब 3-0 से जीतने के तो चांस नहीं रहे, क्योंकि अब तक हुए तीन टैस्ट मैचों में दो में भारत और एक में ऑस्ट्रेलिया विजयी रहा है। लेकिन 3-1 से जीतने के भारत के अब भी बहुत चांस हैं। अगर भारत 3-1 से न भी जीते अंतिम टैस्ट मैच को सिर्फ  ड्रा करा दे तो भी सीरीज भारत के पक्ष में जा सकती है। क्योंकि चाहे सीरीज 2-1 से जीती जाए या 3-1 से उसका महत्व बराबर ही रहेगा। हां, 3-1 से जीतने पर भारत की जो प्रतिष्ठा अब तक बन चुकी है, उसकी पुष्टि होगी। डीन जोंस के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की 40 प्रतिशत बैटिंग ताकत हाल के दिनों में स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर रहे हैं जो फिलहाल प्रतिबंधित हैं। इसलिए अगर भारत ऐसे अनुकूल समय में भी इतिहास नहीं रच पायेगा तो शायद फिर कभी ऐसा मौका न मिले। हमें सकारात्मक रहना चाहिए कि भारत सिडनी मैच को जीतकर अपने क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। 

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर