प्रकृति की अद्भुत रचना हैं

सक्युलेंट पौधों की पत्तियां पत्थर के समान दिखायी देती हैं। यह पौधे दूर से दिखने पर तराशे हुए प्रतीत होते हैं, जिन पर नगों जैसे जड़े, रंगीन फूल इन्हें दूसरे पौधाें से अलग बनाते हैं, ये पौधे प्रकृति का करिश्मा लगते हैं। इस समूह में अगेवेसी, एलोवेसी, एस्क्लेपीडेसी, ब्रोमेलिएसी, कैसूलेसी, यूर्फोबिएसी, पार्चुलेकेसी आदि कुलों के पौधे आते हैं। यह एशिया, अफ्रीका, उत्तरी तथा दक्षिण अमरीका के शुष्क और अर्धशुष्क क्षेत्रों के मूल निवासी हैं। इनके तने, गद्देदार और अलग-अलग आकृति के कांटों जैसे लगते हैं। इनकी पत्तियों और फूलों में भिन्नता इसके विशेष गुण हैं। सक्युलेंट प्लांट्स ऐसे प्लांट्स हैं, जिन्हें आसानी से उगाया जा सकता है। यह अद्भुत रंगों और आकार के होते हैं। इनकी यूक्का और अगेव किस्मों को आधुनिक साज-सज्जा में लगाया जाता है। सक्युलेंट प्लांट्स जैसे अगेव, बाउकारनिया, फूलकेरिया और यूक्का को साइकेंट के साथ व सीडम और अर्कवेरिया को घर के बाहर लगाया जा सकता है। इन्हें उथले गमलों में लगाया जाता है। पत्थर के समान दिखायी देने वाले इन पौधों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह तेज धूप में भी मुरझाते नहीं हैं क्योंकि इनकी पत्तियों में जमा पानी ही इनका जीवनदायी  तत्व होता है। दिखने में भले ये पत्थर जैसे लगते हैं लेकिन अगर इन्हें दबाया जाए तो इनके भीतर से पानी रिसने लगता है। इन पौधों को रख-रखाव की बहुत कम जरूरत होती है। इन्हें सर्दी और गर्मी में रखना आसान होता है। इन्हें लगाने के लिए उसी तरह की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है, जैसी कैक्टस के लिए होती है।  सक्युलेंट पौधों में जाड़े के दिनाें म फूल आते हैं। लेकिन बगैर फूलों के भी ये बेहद खूबसूरत दिखते हैं।-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर

-अनु आर.