कनाडा में बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि

टोरांटो, 7 जनवरी (सतपाल सिंह जौहल) : आम जीवन की सुविधाओं के लिए विकसित समझे जाते देश कनाडा में गत वर्षों के दौरान जन्म दर कम रही है, जिस कारण बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ती जाती रही है। कांफ्रैंस बोर्ड आफ कनाडा की रिपोर्ट के अनुसार 2040 तक कनाडा का कुछ आबादी 26 प्रतिशत लोक 65 वर्ष की आयु से बड़े होंगे। बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से देश के आर्थिक विकास में स्थिरता व गिरावट दर्ज होती रहती है। आर्थिकता को जारी रखने के लिए विदेशी नौजवानों को दशकों से कनाडा में रहने के लिए उत्साहित किया जा रहा है, जिसमें सरकार ने 2011 के बाद तेज़ी लाई हुई है। इस समय विदेशी विद्यार्थियों द्वारा लड़का-लड़कियों की बड़ी संख्या कनाडा को अपना रही है और आस-पास के हालातों के कारण अभिभावकों की भी अपने बच्चे कनाडा भेजने की होड़ लगी हुई है। कनाडा के इमीग्रेशन मंत्री अहमद हुसैन ने अक्तूबर 2018 में संसद में बताया कि 2021 तक वार्षिक 350000 नए प्रवासियों को कनाडा में आने का मौका मिलेगा, जिनमें कनाडा की आर्थिकता व रोज़गार मार्किट के अनुसार प्रसिद्ध व विशेषज्ञों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रवास कनाडा की ज़रूरत होने के वाबजूद देश के बहुत से लोग नए इमीग्रांटों की संख्या बढ़ने हेतु चिंतित रहते हैं और नए आए लोगों को अपने रोज़गार के लिए खतरे के रूप में देखते हैं। एक सर्वे से पता चला है कि 54 प्रतिशत कैनेडियन सिर्फ योग्यता प्राप्त प्रवासियों को कनाडा में दाखिल होने देना चाहता है। यह भी कनाडा सरकार द्वारा विदेशियों को धड़ाधड़ वीज़ा दिए जाने को स्थानीय लोगों को अच्छा नहीं समझा जाता। शायद यही कारण है कि अब कैनेडियन दूतावासों में पर्यटन का वीज़ा मना करने की दर एक बार फिर बढ़ रही है। 2018 में विभिन्न कारणों से विज़टन वीज़ा अप्लाई करने वाले 30 प्रतिशत लोगों के वीज़ों से इंकार किया गया। कैनेडियन हवाई अड्डे में इमीग्रेशन अधिकारियों ने भी सख्ती बढ़ाई है ताकि पर्यटन के वीज़ा को कनाडा में गैर-कानूनी नौकरियों से डालर कमाने के लिए न प्रयोग किया जा सके। ऐसे रुझान में शामिल पंजाबियों सहित विदेशियों को कनाडा से बेरंग वापिस भेजा जाता रहा है। यह भी बिना वजह 6 महीने की खुली एंट्री नहीं दी जाती ताकि कनाडा में अज़र्ी के तौर पर दाखिल हुए लोगों को डालर कमाने का समय न मिले।