मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिया चुनाव तैयारियों का जायज़ा

चंडीगढ़, 7 जनवरी (राम सिंह बराड़/पठानिया) : देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने आज 2019 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों के संबंध में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। आयोग ने पंजाब, हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में एक समीक्षा बैठक की और मतदान केन्द्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) के प्रावधान, सीईओ के कार्यालयों में मानवशक्ति एवं बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण, क्षेत्रीय स्तर पर चुनाव पदाधिकारियों के सभी रिक्त पदों को भरने ईवीएम/वीवीपीएटी व अन्य चुनाव सामग्री की उपलब्धता, पर्याप्त बजट प्रावधानों जैसे विविध मुद्दों पर चर्चा की। पंजाब, हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त को स्पेशल समरी रिविजन (1 जनवरी, 2019 के अनुसार), मतदाता हैल्पलाइन (1950) और अन्य आईटी संबंधित अनुप्रयोगों की प्रगति बारे जानकारी दी। इसके उपरांत पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी चुनाव संबंधी विभिन्न प्रबंधों पर व्यापक चर्चा की गई ताकि चुनावों का स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागितापूर्ण और विश्वसनीय तरीके से सुचारू और शांतिपूर्ण आयोजन किया जा सके। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज चंडीगढ़ में यह जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में हरियाणा की ओर से मुख्यसचिव डीएस ढेसी, गृह सचिव एसएस प्रसाद, डीजीपी बीएस संधू सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के भी  निर्देश दिए कि सभी संपर्क केंद्रों को एक समान संख्या ‘1950’ के साथ संचालित किया जाए जो मतदाताओं की सुविधा और सभी चुनाव संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए एकल बिंदु संपर्क के रूप में कार्य करेंगे। यह भी निर्देश दिए गए कि मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और समयबद्ध कार्रवाई की जाए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने पीडब्ल्यूडी मतदाताओं की पीएस-वाइज़ मैपिंग के साथ उनका व्यापक डेटा बेस सृजित करने की तत्काल आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि मतदान के दिन सभी पीडब्ल्यूडी मतदाताओं को पर्याप्त सहायता प्रदान की जा सके जोकि आयोग के आदर्श वाक्य ‘कोई भी मतदाता न छूटे’ (नो वोटर टू लेफ्ट बिहाइंड) को साकार करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने निर्देश दिए कि आगामी लोकसभा चुनावों को मतदाताओं के लिए सबसे अधिक अनुकूल बनाया जाना चाहिए और विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।  सुनील अरोड़ा ने चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाने वाले सभी स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ईआरओ-नेट, बीएलओ-नेट, मतदाता सूची का पुनरीक्षण और सुविधा, समाधान, सुगम और सी-विजील ऐप जैसे आईटी अनुप्रयोगों के कार्यान्वयन सहित इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) जैसे सभी मामलों पर व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने की अनिवार्यता पर जोर दिया। समीक्षा बैठक में भारत के चुनाव आयोग के वरिष्ठ उप-चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा, महानिदेशक धीरेंद्र ओझा और निदेशक निखिल कुमार उपस्थित थे।