आईपीएल का सबसे महंगा सितारा जयदेव उनादकट

गत दिनों आईपीएल के नए सीजन के लिए क्रिकेटरों की नीलामी काफी चर्चा में रही। दरअसल दुनिया की सबसे महंगी और आकर्षक टी-20 लीग के 2019 सीजन के लिए हुई नीलामी में जहां युवराज सिंह जैसे धुरंधर बल्लेबाज को मात्र एक करोड़ रुपये में खरीदा गया और देश-विदेश के कई दिग्गज क्त्रिकेटरों को कोई भी खरीदार नहीं मिला, वहीं युवाओं पर और खासकर अनजान क्त्रिकेट सितारों पर जमकर पैसा बरसा। कुल 8 फ्रैंचाइजी ने 60 क्रिकेटरों पर एक अरब रुपये से भी ज्यादा धनराशि खर्च की। मात्र 50 लाख रुपये बेस प्राइस वाले बाएं हाथ के स्टाइलिश गेंदबाज जयदेव उनादकट की तो लाटरी ही खुल गई, जिन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 8.4 करोड़ में खरीदा और इस तरह वे आईपीएल के 12वें सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं। जयदेव उनादकट को खेल प्रेमी इतना अच्छी तरह नहीं जानते हैं, क्योंकि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के पर्याप्त अवसर नहीं मिले हैं किन्तु वे एक अच्छे गेंदबाज हैं, जिसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि महंगी से महंगी बोली लगाकर भी आईपीएल टीमें उनादकट को अपनी टीम में शामिल करना चाहती हैं। दरअसल जयदेव की आक्रामक फील्डिंग उन्हें टीम के लिए महत्वपूर्ण बनाती है। यह पहली बार नहीं है, जब उनादकट पर इतनी महंगी बोली लगी, बल्कि आईपीएल के पिछले सीजन में तो राजस्थान रॉयल्स ने ही उन्हें साढ़े 11 करोड़ में खरीदा था। इतनी महंगी कीमत पर खरीदे जाने पर जयदेव पहली बार दुनिया की नज़रों में आए थे, क्योंकि नीलामी शुरू होने तक वह ज्यादा चर्चा में नहीं थे किन्तु पिछले सीजन में जैसे ही बोली शुरू हुई तो शुरुआत में किंग्स इलेवन पंजाब तथा चेन्नई सुपर किंग्स के बीच उन्हें खरीदने की होड़ लग गई और बाद में राजस्थान रॉयल्स भी इस होड़ में शामिल हो गई, जिसने 11.5 करोड़ की ऊंची कीमत देकर भी जयदेव उनादकट को खरीदना अपने लिए फायदे का सौदा समझा और इस प्रकार वह आईपीएल के 11वें सीजन में भी सबसे महंगे गेंदबाज रहे थे। जयदेव के संबंध में कहा जाता है कि उन्हें गेंदों को स्विंग कराने में अच्छी महारत हासिल है तथा बाएं हाथ का गेंदबाज होने का उन्हें अलग से फायदा मिलता है। 2010 में जयदेव का पहली बार न्यूजीलैंड में खेले गए अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में तेज गेंदबाजी की अगुवाई के लिए चयन किया गया था और उन्होंने 4 मैचों में 7 विकेट झटक कर शानदार प्रदर्शन किया था। उनके इसी बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत उन्हें पहली बार आईपीएल में शामिल होने का अवसर मिला। आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स ने जयदेव को अपनी टीम का हिस्सा बनाया और इस प्रकार 2010 में जयदेव के आईपीएल कैरियर की शुरुआत हुई। उस सीजन में खेले गए कुल तीन मैचों में उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ  खेले गए मैच में बेहतरीन फील्डिंग करते हुए तीन विकेट लिए थे, जिसके लिए उन्हें ‘मैन आफ द मैच’ मिला था। तब कोलकाता नाइटराइडर्स के तत्कालीन बॉलिंग कोच वसीम अकरम ने उनके प्रदर्शन से प्रभावित होकर उन्हें ‘भारत का भविष्य का गेंदबाज’ कहा था। आईपीएल के 2011 तथा 2012 सीजन में भी वह कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से खेले किन्तु प्रदर्शन सराहनीय नहीं रहा। 2013 सीजन में जयदेव को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने 5.25 लाख डॉलर में खरीद लिया और उस सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने 4 ओवर में कुल 25 रन देते हुए पांच विकेट झटककर अपनी टीम को जीत दिलाई, जिसके लिए उन्हें ‘मैन आफ  द मैच’ मिला। यह उनके कैरियर का बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। आईपीएल के 2014 सीजन में 2.80 करोड़ रुपये में दिल्ली डेयरडेविल्स ने जयदेव को खरीदा किन्तु जयदेव कोई कमाल नहीं दिखा सके।2015 में जयदेव के प्रदर्शन में थोड़ा सुधार हुआ। आईपीएल के 2016 सीजन में जयदेव को 1.6 करोड़ की महंगी कीमत पर कोलकाता नाइटराइडर्स ने खरीद लिया। हालांकि जयदेव को सिर्फ  एक ही मैच खेलने को मिला और उसमें भी 3 ओवर में बगैर कोई विकेट लिए 49 रन देकर वह अपनी कोई छाप छोड़ने में विफल रहे। संभवत: इसी के चलते 2017 के सीजन में किसी बड़ी टीम ने उन पर दांव नहीं लगाया और राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स ने उन्हें मात्र 30 लाख रुपये में खरीद लिया। इस सीजन में उन्होंने कुल 12 मैच खेले और एक हैट्रिक के साथ कुल 24 विकेट झटके। इस सीजन में वह आईपीएल के इतिहास में तीसरे ऐसे गेंदबाज भी बने, जिन्होंने मेडन ओवर के साथ हैट्रिक पूरी की। उनसे पहले सैमुअल बद्री और लसिथ मलिंगा ही यह कारनामा कर सके थे। इसी सीजन के एक मैच में उन्होंने 4 ओवर में 30 रन देकर 5 विकेट भी झटके, जिसे उस सीजन के सबसे बेहतर स्पेल में स्थान मिला। 2017 सीजन के बेहतरीन प्रदर्शन के चलते जयदेव उनादकट भारतीय चयनकर्ताओं तथा आईपीएल टीमों के कर्ता-धर्ताओं की नज़र में आने में सफ ल रहे और 2018 के सीजन में उन पर 11.5 करोड़ की सबसे ऊंची बोली लगी।गुजरात के पोरबंदर में 18 अक्तूबर 1991 को जन्मे जयदेव दीपक भाई उनादकट निचले क्रम में बल्लेबाजी करने वाले बाएं हाथ के गेंदबाज हैं, जो कुछ अंतर्राष्ट्रीय मैचों में टैस्ट, वन डे और 20-20 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह पढ़ाई-लिखाई में जितने तेज थे, उतने ही खेलों में भी। पोरबंदर के एक स्कूल में पढ़ाई करते हुए वह अपने स्कूल में टॉप करते रहे और साथ ही पोरबंदर के ही दिलीप सिंह स्कूल ऑफ क्रिकेट में डे-स्कोलर के रूप में क्रिकेट सीखते थे। उन्होंने अपना पहला टैस्ट मैच 16 दिसम्बर 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ  खेला था। उस समय जहीर खान के चोटग्रस्त होने के चलते जयदेव को टीम में शामिल किया गया था किन्तु वह एक भी विकेट लेने में सफ ल नहीं हुए थे। पूरे मैच में जयदेव ने 26 ओवर गेंदबाजी की लेकिन 101 रन देकर भी कोई विकेट नहीं झटक सके। टीम इंडिया वह मैच एक पारी और 25 रन के बड़े अंतर से हार गई थी। पहला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच जयदेव ने 2013 में जिम्बाब्वे टीम के विरुद्ध खेला था जबकि पहला टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला 18 जून 2016 को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में जिम्बाब्वे के खिलाफ  खेला था। घरेलू मैचों में वह सौराष्ट्र क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। जयदेव को डैथ ओवर्स मैच के अंतिम ओवर्स का बेहतरीन गेंदबाज माना जाता है।