रेसलिंग में भारत का नाम रौशन करती  विनेश फोगाट


एशियाई खेलों की चैम्पियन विनेश फोगाट पर गत दिनों प्रो कुश्ती लीग की नीलामी में महिला पहलवानों में सबसे महंगा दांव लगा, जिन्हें मुम्बई महारथी टीम ने 25 लाख में खरीद लिया। प्रो कुश्ती लीग के पिछले सत्र में विनेश यूपी दंगल टीम के लिए खेली थी। विनेश के अलावा प्रो कुश्ती लीग की नीलामी में दिल्ली सुल्तांस टीम ने रियो ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक को 20 लाख में खरीदा। पिछले सत्र में वह मुम्बई महारथी के लिए खेली थी। एक ओर जहां दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार और रियो ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के शीर्ष ग्रेड में जगह नहीं बना सके, वहीं विनेश 30 नवम्बर 2018 को डब्ल्यूएफआई द्वारा वार्षिक 30 लाख रुपये की करार राशि वाले शीर्ष ‘ए’ ग्रेड में भी शामिल की जा चुकी हैं। बता दें कि डब्ल्यूएफआई द्वारा देश के पहलवानों के लिए करार प्रणाली की शुरूआत की गई है, जिसके तहत शीर्ष ‘ए’ ग्रेड में शामिल पहलवानों को 30 लाख रुपये, ‘बी’ ग्रेड में शामिल पहलवानों को 20 लाख जबकि ‘सी’ ग्रेड वाले पहलवानों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया है। डब्ल्यूएफआई भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) द्वारा मान्यता प्राप्त एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय खेल संघ है, जिसने अपने खिलाड़ियों के लिए ऐसे करार की पेशकश की है और बीसीसीआई के बाद ऐसा करने वाली वह दूसरी भारतीय खेल संस्था बन गया है। बात हरियाणा की दबंग गर्ल विनेश फोगाट के शानदार प्रदर्शन की करें तो उसने पहली बार वर्ष 2013 की एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था और 51 किलोग्राम वर्ग भार में कांस्य पदक हासिल कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था। हंगरी में कड़ा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद विनेश गत वर्ष स्पैनिश ग्रैंड प्रिक्स भी जीत चुकी हैं और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अब तक कई दर्जन पदक जीत चुकी हैं। पिछले साल एशियाई खेलों में पांव में दर्द की समस्या के बावजूद स्वर्णिम इतिहास रचते हुए वह 50 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का मान-सम्मान बढ़ा चुकी है। एशियाई खेलों में पदक जीतने के बाद विनेश ऐसी पहली भारतीय महिला पहलवान भी बन गई थी, जिसने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता हो। उसने वो करिश्मा कर दिखाया, जो उससे पहले कुश्ती में देश की कोई भी महिला खिलाड़ी नहीं कर पाई थी। गत वर्ष अगस्त माह में एशियाई खेलों के फाइनल मुकाबले के दिन विनेश पांव में दर्द की समस्या से जूझ रही थीं, फिर भी उसने अपनी विरोधी रेसलर जापान की इरी युकी को 6-2 से मात देते हुए गोल्ड पर कब्ज़ा किया था और इस प्रकार एशियाई खेलों में लगातार दो बार पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान बन गई थी। उसने 2014 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था।
    विनेश एशियाई खेलों के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय पहलवान है। वह 2014 और 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक तथा 2017 और 2018 की एशियन चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत चुकी है। 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतकर विनेश ने पूरी दुनिया को अपनी काबिलियत का परिचय दिया था। अगस्त 2016 में रियो ओलम्पिक के दौरान भी विनेश से देश को काफी उम्मीदें थी किन्तु स्पर्धा के दौरान उसे गंभीर चोट लग गई थी, जिसके चलते वह ओलम्पिक से बाहर हो गई थी और उसके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया था। उसके बाद चोटिल होने के कारण वह एक साल से भी ज्यादा समय तक अखाड़े से दूर रही, जो उसके लिए बेहद तकलीफदेह रहा लेकिन उसने कभी हिम्मत नहीं हारी और अखाड़े से लंबी अवधि की दूरी के बाद जब मैदान में वापसी की तो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर ही दम लिया। हालांकि मैदान पर वापसी में विनेश को लंबा समय लगा किन्तु गत वर्ष एशियाई खेलों में विनेश के लिए सबसे सुखद अहसास यही रहा कि चीन की जिस पहलवान सुन यानान की वजह से उसे ओलम्पिक में चोट लगी थी, उसी पहलवान को शुरूआती मुकाबले में ही 8-2 से धूल चटाकर उसने शानदार जीत हासिल की। उसके बाद क्वार्टर फाइनल में साऊथ कोरिया की किम ह्युंगजू और सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान की याक्षिमुरतोवा को परास्त कर फाइनल में जापान की युकी इरी को 6-2 से मात देते हुए गोल्ड अपने नाम कर विनेश रेसलिंग में भारत की सनसनी गर्ल बन गई थी।
25 अगस्त 1994 को हरियाणा के चरखीदादरी जिले के बलाली गांव में जन्मी विनेश बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘दंगल’ से चर्चित हुई गीता और बबीता फोगाट की चचेरी बहन है। विनेश ने 10 वर्ष की अल्पायु में ही अपने पिता राजपाल को खो दिया था, जिनकी एक जमीन विवाद में हत्या कर दी गई थी। पिता के देहांत के बाद उनका परिवार बहुत सीमित संसाधनों में जीवन-यापन करने को मजबूर हो गया था और उस दौरान अपने ताऊ वरिष्ठ ओलम्पिक कोच महाबीर फोगाट की बेटियों गीता और बबीता को देखकर विनेश को भी अखाड़े में जोर आजमाइश करने की प्रेरणा मिली। उसके ताऊ महावीर फोगाट ने ही उसे पहलवानी के दांव-पेंच सिखाए। यही वजह है कि विनेश अपने ताऊ को ईश्वर का अवतार मानती हैं। पांचवीं कक्षा से ही विनेश ने अपने ताऊ के मार्गदर्शन में मैट पर प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। महावीर ने अपनी दोनों बेटियों गीता और बबीता के साथ विनेश और उसकी बहन प्रियंका को भी अपने घर में ही अखाड़ा बनाकर ट्रेनिंग देना शुरू किया था और अब उसी जगह पर उन्होंने एक प्रोफैशनल रेसलिंग हॉल बना दिया है।
विनेश अपने शानदार खेल के अलावा कुछ अन्य बातों को लेकर भी खासी चर्चा में रही हैं। पिछले साल एशियाई खेलों के दौरान विनेश का नाम एथलीट नीरज के साथ जोड़ा जा रहा था और दोनों के अफेयर के चर्चे सरेआम होने लगे थे किन्तु एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर लौटते ही विनेश ने रेसलर सोमवीर सिंह राठी के साथ सगाई की रस्म पूरी कर अफेयर की तमाम अफवाहों पर विराम लगा दिया था और कहा था कि उसका पहला प्यार पहलवानी ही है तथा ओलम्पिक में गोल्ड जीतना ही उसका लक्ष्य है, उसके बाद ही वह सोमवीर से शादी करेगी। हालांकि 2020 के ओलम्पिक से पहले ही दिसम्बर माह में विनेश पहलवान सोमवीर के साथ शादी के बंधन में बंध चुकी हैं। उसकी शादी भी एक खास वजह से बेहद चर्चा में रही। दरअसल अपनी शादी में विनेश ने जिस प्रकार सात फेरों के बजाय आठ फेरे लिए और आठवां फेरा लेते हुए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ’ का अनूठा संकल्प लिया, उसके लिए उसकी खूब तारीफ  हुई।
शादी के बंधन में बंधने के बाद भी विनेश पहले की भांति पहलवानी के दम-खम दिखाती रहेगी और उसका अगला लक्ष्य ओलम्पिक में पदक जीतना है। वह कहती है कि ओलम्पिक खेलों में हमारी भागीदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है और भारत में अब महिला कुश्ती में भी तेजी से बदलाव आ रहा है। विनेश कहती है कि अगर आप ओलम्पिक में खेलने जाते हैं तो पूरा देश आपसे पदक की उम्मीदें बांधनी शुरू कर देता है, इसलिए उसका पूरा प्रयास करेगा कि देश उसके प्रदर्शन से निराश न हो।