2018 : चर्चित खेल घटनाएं- तहलकों भरी सुर्खियों के नाम रहा यह वर्ष


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मनु भाकर ने स्वर्ण पदक पर साधा निशाना
16 वर्ष की उम्र में किसी भारतीय बेटी का ऐसा कमाल कल्पना से दूर लगता है। सीनियर और जूनियर विश्व कप में सुनहरी सफलता से आगाज़ करने वाली हरियाणा के झज्झर ज़िले के गांव गोरिया की सुंदर इस लड़की के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन वह ऐसा निशाना लगाएगी कि सोने की बरसात होने लगेगी। 2018 विश्व कप मैक्सिको में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में 2 स्वर्ण पदक जीते। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, 2018 बोइनस आरिज यूथ ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीता। 
हिमा दास : भारत की नई उड़न परी
वीनलैंड के टैम्पेयर में हुई विश्व अंडर-20  एथलैटिक चैम्पियनशिप में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत कर हिमा दास ने बड़ी सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने यह दौड़ 51.46 सै. के समय से पूरी की। मिल्खा सिंह और पी.टी. ऊषा का रिकार्ड तोड़ने वाली हिमा दास की जीत का जश्न पूरे देश वासियों ने मिलकर मनाया। हिमा विश्व स्तर पर (पुरुष, महिला जूनियर, सीनियर) किसी भी वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं।
मनिका बत्तरा : टेबल टैनिस की नई स्टार
मनिका ने गोल्ड कोस्ट में हुई राष्ट्र मंडल खेलों के टेबल टैनिस मुकाबले में भारत के लिए चार पदक जीते। जिनमें 2 स्वर्ण पदक थे। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। दिल्ली की 22 वर्षीय इस लड़की ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और आज वह टेबल टैनिस की नए स्टार के तौर पर जानी जाती हैं। पुरुष टेबल टैनिस में शरत कमल के नेतृत्व वाली टीम ने एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता। 
अरुणा-बुद्धा रेड्डी  ने रचा नया इतिहास
इस वर्ष मैलबर्न (आस्ट्रेलिया) में जिम्नास्टिक विश्व कप में रजत पदक जीत कर भारतीय जिम्नास्टिक के इतिहास में नया अध्याय लिख दिया गया। हैदराबाद में पैदा हुई 22 वर्षीय जिम्नास्ट अरुणा बुद्धा रेड्डी महिलाओं के बोल्ट इवेंट में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं। भविष्य में इस भारतीय खिलाड़ी से बहुत उम्मीदें लगाई जा सकती हैं। 
संग्राम की गाथा बनीं स्वप्ना वर्मन
बचपन से स्वप्ना वर्मन के पैरों की 12 अंगुलियां थीं, विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी स्वप्ना ने संग्राम और संघर्ष का असली नमूना पेश करते हुए जकार्ता एशियाई खेलें-2018 में हेप्टाथलिन में स्वर्ण पदक जीत कर सभी को हैरान कर दिया। 
उदास पल : अलविदा हॉकी
भारत के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने जिस खामोशी से लगभग 12 वर्ष पहले अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज़ किया था, उस खामोशी से उन्होंने अलविदा कह दिया। लेकिन चर्चा तो यह भी है कि इस करिश्मायी स्टार खिलाड़ी को बलि का बकरा बनाया गया है। 
नहीं रहे कुमैंटरी के बाबा बोहड़ जसदेव सिंह
कुमैंटरी के बाबा बोहड़ जसदेव सिंह ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। शब्दों के जादूगर जसदेव सिंह ने 9 ओलम्पिक मेले, आठ हॉकी विश्व कप, 6 एशियाई खेलें और कई अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामैटों की कुमैंटरी की। 
संन्यास 
गौतम गम्भीर ने लिया क्रिकेट से संन्यास और विश्व कप विजेता ब्राज़ील के रोनाल्डो ने फुटबॉल को कहा आखिरी सलाम। कुल मिलाकर अंतर्राष्ट्रीय खेलों के इस बड़े खेल मेले के वर्ष में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा। (समाप्त)
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