जसप्रीत बुमराह जिसके बूम-बूम से पस्त हुआ ऑस्ट्रेलिया

बॉक्सिंग डे टैस्ट के चौथे दिन भारतीय गेंदबाज कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे थे। लंच से पहले की आखिरी गेंद फेंकने के लिए जैसे ही जसप्रीत बुमराह अपने रन-अप मार्क पर पहुंचे तो मुंबई इंडियंस में उनके कप्तान रोहित शर्मा ने उनसे कहा, ‘आखिरी गेंद है, तुम धीमी गेंद क्यों नहीं ट्राय करते। वाइट बॉल क्रिकेट में तो तुम इसका खूब प्रयोग करते हो, यहां क्यों नहीं ट्राय करते?’ रोहित के सुझाव पर बुमराह ने धीमी योर्कर डाली और सैट बल्लेबाज शॉन मार्श जाल में फंसकर आऊट हो गये। यह गेंद वर्ष 2018 की सर्वश्रेष्ठ गेंद के रूप में खेल प्रेमियों की याद में चस्पा हो गई। लेकिन यह गेंद उस सब का सार भी है जो कुछ बुमराह के बारे में विशेष है। बुमराह न सिर्फ सलाह सुनने व मानने के लिए हरदम तैयार रहते हैं बल्कि उनमें जो गजब की प्रतिभा है,उसके कारण पूर्ण नियंत्रण के साथ तय की गई योजना को व्यवहारिक रूप भी दे देते हैं। यह काम वह चूंकि क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट- टैस्ट, एक दिवसीय व टी-20 में बराबर की योग्यता से करने में सक्षम हैं, इसलिए उन्हें विशेषज्ञ वर्तमान समय का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज मान रहे हैं बुमराह ने अब तक दस टैस्ट खेले हैं और इस लेख के लिखे जाने तक वह 21.86 की औसत से 49 विकेट ले चुके हैं, जिनमें तीन बार एक पारी में पांच विकेट लेना भी शामिल है। बुमराह का स्ट्राइक रेट (एक विकेट के लिए कितनी गेंद) 47.4 है।
यहां यह बताना भी दिलचस्प रहेगा कि भारत में मुहम्मद निसार, कपिल देव, जहीर खान व जवागल श्रीनाथ जैसे महान तेज गेंदबाज हुए हैं, लेकिन ये सब अपने-अपने समय में लगभग इकलौते ही हुआ करते थे। जबकि इस समय भारत के पास बुमराह, मुहम्मद शमी, उमेश यादव, ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार आदि के रूप में जो तेज गेंदबाजों का पूरा दल है, उसे विशेषज्ञ सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ दल कह रहे हैं,वैस्ट इंडीज के 80 के दशक के दल से भी बेहतर। हालांकि यह अतिश्योक्ति प्रतीत होती है। वर्तमान में यह भारतीय दल बेहतरीन है, इससे इंकार नहीं, लेकिन वर्तमान में भी यह सर्वश्रेष्ठ है, इसपर बहस की जा सकती है। क्योंकि दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड व पाकिस्तान के पास भी वर्तमान में तेज गेंदबाजों की अच्छी खेप है। 
बुमराह एंड कंपनी का अभी उस स्तर तक पहुंचना शेष है। इस दल के कई सदस्य तो अभी अपने कॅरियर की शुरुआत में ही हैं। बहरहाल, नवम्बर 2017 में भारत के कोच रविशास्त्री व बोलिंग कोच भरत अरुण को महत्वपूर्ण निर्णय लेना था। उनका मानना था कि बुमराह टैस्ट क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हैं, बस सही अवसर की प्रतीक्षा है।  जनवरी 2018 में जब बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में अपना पहला टैस्ट खेला तो उन्होंने तुरंत अपना प्रभाव छोड़ा। उनका पहला विकेट एबी डीविलियर्स के रूप में आया, जिन्होंने फुल लेंथ गेंद को ड्राइव करने का प्रयास किया, गेंद ने बल्ले का अंदरूनी किनारा लिया और स्टंप्स से जा टकराई। शास्त्री व अरुण का अंदाजा सही निकला कि बुमराह को बल्लेबाज देर से पिक करते हैं।  बुमराह 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं,लेकिन उनमें सिर्फ  गति भर नहीं है, वह अपनी विविधता से भी बल्लेबाजों को परेशान करते हैं। बुमराह का एक्शन भी बल्लेबाज को असमंजस में डाल देता है। यह अच्छी बात रही कि किसी कोच ने बुमराह के असामान्य एक्शन को बदलने का प्रयास नहीं किया। यह इसलिए भी हो सकता है कि बुमराह आईपीएल में नोटिस किये गये और वहीं से भारतीय टीम का हिस्सा बने। अगर कैंप क्रिकेट से आते तो किताबी कोच उनका न जाने क्या से क्या कर देते। 
-साशा