केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले- आयकर रिटर्न फाइलिंग और प्रसंस्करण प्रक्रिया होगी एकीकृत

नई दिल्ली, 16 जनवरी (वार्ता): सरकार ने ऑनलाइन आयकर रिटर्न प्रक्रिया सरल बनाने के उद्देश्य से एकीकृत ई-फाइलिंग एवं केन्द्रीकृत प्रोसेसिंग (सीपीसी) परियोजना 2.0 के  लिए 4,241.97 करोड़ रुपये को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि 18 महीने में यह परियोजना पूरी होगी और इसके पूर्ण होने पर आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग एक दिन में हो जाएगी जबकि अभी इसमें 63 दिन लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने चालू वित्त वर्ष में सीपीसी आईटीआर 1.0 परियोजना के लिए 1,482.44 करोड़ रुपये की समग्र लागत भी अनुमोदित कर दी है। गोयल ने कहा कि सीपीसी आईटीआर परियोजना 2.0 से आयकर विभाग के साथ ही करदाताओं को भी लाभ होगा। इसमें आयकर रिटर्न की प्री-फाइलिंग की भी व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त रिफंड में लगने वाले समय को कम करने के साथ ही करदाताओं से बकाये के निपटान में भी मदद मिलेगी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश के 13 नये केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्य को पूरा करने  के लिए करीब पांच हज़ार करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। पीयूष गोयल ने बताया कि कुछ साल पहले अलग-अलग राज्यों में 13 केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने का फैसला लिया गया था। पिछली सरकार ने इसके लिए तीन हज़ार रुपए करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। गोयल ने कहा कि निर्माण कार्य में विलम्ब होने के कारण इसका बजट बढ़कर आठ हज़ार एक सौ तेरह करोड़ रुपए हो गया। इनमें से चार हज़ार 474 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो  चुके हैं। अब पिछली तारीख से चौदह सौ 74  करोड़ रुपये मंज़ूर किये गये हैं। इसके अलावा शेष 3639 करोड़ रुपये को भी मंज़ूरी दी गई। इस तरह कुल लगभग पांच हज़ार करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, केरल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में ये विश्वविद्यालय निर्माणाधीन हैं।