डा. साथी लुधियानवी नहीं रहे

लंदन, 17 जनवरी (मनप्रीत सिंह बधनी कलां): प्रवासी शिरोमणि साहित्यकार पुरस्कार विजेता और पंजाबी साहित्य कला केन्द्र यू.के. के प्रधान डा. साथी लुधियानवी आज हलिंगडन अस्पताल में अंतिम अलविदा कह गए। वह 78 वर्ष के थे। वह कुछ समय से कैंसर की नामुराद बीमारी से जूझ रहे थे। साथी लुधियानवी ने कविताएं, वारतक, नावल और मुलाकातों की डेढ़ दर्जन से अधिक किताबें पंजाबी पाठकों की झोली में डालीं। वह यू.के. में जहां सफल टी.वी. और रेडियो पेशकार रहे, वहीं उन्होंने प्रवासियों की ज़िन्दगी को पंजाब में रहते पंजाबियों तक पहुंचाने के लिए क्रमवार समुद्रों पार कालम शुरू किया वह पहले प्रवासी पंजाबी लेखक थे जिन्होंने प्रवास की ज़िन्दगी को कलम के ज़रिये उकेरा। डा. साथी की प्राप्तियों को मुख्य रखते लंदन की एक यूनिवर्सिटी द्वारा आनरेरी डाक्ट्रेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। पंजाबी साहित्य कला केन्द्र यू.के., अदारा शब्द, लिखारी और पाठक कला मंच सलोह, एम.पी. वरिन्द्र शर्मा, एम.पी. तनमनजीत सिंह ढेसी, गुरमेल सिंह मल्ली आदि ने दु:ख का प्रगटावा किया है।