ऐसे शहद बनाती हैं  मधुमक्खियां

दुनिया भर में सभी जीवों में संयुक्त परिवार का सर्वोत्तम उदाहरण मधुमक्खी ही है। मधुमक्खी के एक छत्ते में एक रानी मधुमक्खी होती है तथा 500 नर मक्खियां होती हैं। इसके अलावा 16,000 कर्मचारी मक्खियां होती हैं। एक मधुमक्खी को 540 ग्राम शहद इकट्ठा करने के लिए फूलों के 80,000 चक्कर लगाने पड़ते हैं। एक चक्कर करीब ढाई मील का होता है। इस तरह अगर हम देखें तो एक मधुमक्खी को एक किलो शहद इकट्ठा करने के लिए इतना फासला तय करना पड़ता है कि पूरी धरती के 12 चक्कर लग जाएं। 150 ग्राम के एक छत्ते में 9100 वैक्स सेल होते हैं, जिनमें करीब चार किलो शहद संग्रहित होता है। एक पूर्ण छत्ता एक सीजन में 150 किलो शहद तैयार कर सकता है। यदि एक मादा मर जाए तो दूसरी मधुमक्खी रानी बन जाती है। यदि उसके जीते जी कोई दूसरी मधुमक्खी रानी बने तो वह उसे मार देती है। छत्ता मधुमक्खियों के रज से बनता है। एक बार छत्ता बन जाए तो कई वर्ष तक चलता है। फूलों का मकरंद ही मधुमक्खियों का विशेष भोजन होता है। शहद का रंग पराग के रंग पर निर्भर करता है। जब मधुमक्खी फूलों का रस चूसती है तो इसके पेट के एंजाइम पराग रस को ग्लूकोज में बदल देते हैं, जिसे मधुमक्खियां अपने छत्ते के चैंबरेज में उड़ेल देती हैं। कर्मचारी मधुमक्खियां अपने पंखों की फड़फड़ाहट से इसे सुखाती हैं। शहद पूरी रासायनिक क्रिया द्वारा ही बनता है। हिमाचल प्रदेश का शहद सबसे उत्तम होता है। यहां सैकड़ों प्रकार के फूल होते हैं, व