दुनियाभर के पासपोर्टों से ऊपर क्यों है जापान का पासपोर्ट

विदेश में किसी व्यक्ति की नागरिकता की पहचान का आधार, वह खुद नहीं बल्कि उसका पासपोर्ट होता है। यही कारण है कि विदेशों में हाड़ मांस के किसी इंसान से ज्यादा महत्वपूर्ण और ताकतवर उसका पासपोर्ट होता है। लेकिन हर देश के पासपोर्ट की ताकत एक जैसी नहीं होती। किसी देश के पासपोर्ट की ताकत वास्तव में उस देश के विश्व परिदृश्य में मौजूद जलवे का द्योतक होती है।दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट जापान का है। इस मामले में उसके सामने दुनिया की एकल महाशक्ति अमरीका और फ्रांस, इंग्लैंड तथा जर्मनी जैसे ऐतिहासिक रूप से संभ्रांत और नकचढ़े देश भी पानी भरते हैं। 21 दिसंबर 2018 को अमरीकी फर्म हेनली ने जो ग्लोबल पासपोर्ट रैंकिंग-2018 जारी की है, उसमें जापान के पासपोर्ट ने पिछले साल के सबसे ताकतवर सिंगापुर के पासपोर्ट को पछाड़कर सर्वोच्च स्थान हासिल कर लिया है। अब दुनिया में सबसे ताकतवर जापान का पासपोर्ट हो गया है। पिछले साल यह दूसरे नंबर में था। जापान के पासपोर्ट के सबसे ताकतवर होने का मतलब यह है कि अगर आपके पास जापानी पासपोर्ट है तो आपको दुनिया के 190 देशों में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस हवाई अड्डे पहुंचिये टिकट कटाइये, जहाज में बैठिये और उस देश में पहुंच जाइये, वहां के अधिकारी आपके स्वागत में वीजा लिये खड़े मिलेंगे। ताकतवर पासपोर्टों की इस सूची में अमरीका बहुत पीछे है। आमतौर पर दुनिया की किसी भी रैंकिंग में अमरीका को पीछे रहना मंजूर नहीं होता लेकिन पासपोर्ट के मामले में वह तमाम देशों से पीछे है। जापान के बाद दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट सिंगापुर का है। जिसे रखने वाले दुनिया के 189 देशों में बिना वीजा के जा सकते हैं तो जर्मनी जो अभी पिछले साल तक दूसरे स्थान पर हुआ करता था अब पिछड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है; क्योंकि जर्मनी के पासपोर्ट से दुनिया के 188 देशों में ही बिना वीजा जाया जा सकता है। भारत इस सूची में 81वें पायदान पर है। भारतीय पासपोर्ट से भी 60 देशों में बिना वीजा के जाया जा सकता है। जिनमें प्रमुख है नेपाल, भूटान, मॉरीशस, फिजी आदि। पासपोर्ट के मामले में पाकिस्तान की रैंकिंग काफी खराब है। भारत से करीब 23 पायदान पाकिस्तान पीछे है। पाकिस्तानी पासपोर्ट से 33 देशों की वीजा फ्री एंट्री हो सकती है। इन 33 देशाें में ज्यादातर मुस्लिम देश हैं। आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि शायद ताकतवर पासपोर्ट का मतलब किसी देश की सैन्य ताकत से होता होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। ताकतवर पासपोर्ट का मतलब है उसका धारक अच्छा-खासा खर्च कर सकता है यानी उसकी ठीक-ठाक परचेजिंग पावर है, वह पढ़ा, लिखा होगा, यात्रा संबंधी नियमों के साथ तोड़-मरोड़ नहीं करेगा और न ही उस देश में चुपके से गायब होकर बस जाने की फिराक में रहेगा, जहां वह पहुंचा है। इन तमाम अनुमानों के आधार पर ही किसी देश के पासपोर्ट को रैंकिंग प्रदान की जाती है। अगर जापान का पासपोर्ट दुनिया में सबसे ताकतवर है तो उसकी कई वजहें हैं। जापान का सकल घरेलू उत्पाद साल 2017-18 में करीब 5.071 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर था, जो कि दुनिया में अमरीका और चीन के बाद सबसे ज्यादा है। जहां तक जापानी नागरिकों की प्रति व्यक्ति औसतन आय का सवाल है, तो वह 40,106 डॉलर सालाना है, जो भारतीय लोगों की आय से करीब 2000 फीसदी से भी ज्यादा है। इन दो बुनियादी आर्थिक तथ्यों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जापानी दुनिया के किसी भी दूसरे देश में आसानी से बसने की कोशिश नहीं करेंगे। क्योंकि उन्हें जो सुख और सुविधा अपने देश में हासिल है, उससे बेहतर दूसरे देशों में संभव नहीं है। किसी देश के पासपोर्ट के ताकतवर होने में आर्थिक आधार तो सबसे बड़ी भूमिका निभाते ही हैं, मगर सामाजिक और ऐतिहासिक तथ्यों की भी भूमिका होती है। अब जापान को ही ले लो, जापान में जिस किस्म का समाज है, उतना बंद समाज दुनिया के दूसरे देशों में बहुत कम है। बंद का मतलब यह है कि जापानी आपस में एक-दूसरे से जबरदस्त भावनात्मक रूप में बंधे हुए हैं। वे अमरीकी नागरिकों की तरह एक दूसरे के प्रति अपरिचय या अजनबियत की धारणा नहीं रखते बल्कि ज्यादातर समय वे एक दूसरे के साथ बिल्कुल पारिवारिक भावनाएं रखते हैं। जापान में 100 फीसदी साक्षारता तो है ही। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा तकनीकी रुझान भी जापानियों में ही देखने को मिलता है। माना जाता है कि हर तीसरा जापानी किसी न किसी तकनीक में एक्सपर्ट होता है।  जापान दुनिया का अकेला एक ऐसा देश है जहां एक मिनट भी कोई ट्रेन लेट नहीं होती। अगर कोई ट्रेन लेट होती है तो अधिकतम 18 से 20 सेकेंड ही लेट होती है, यह जापान की असली ताकत है।