जी.एस.टी. वसूली घटने पर विभाग करेंगे सख्ती

जालन्धर, 20 जनवरी (शिव शर्मा): पंजाब सहित अन्य राज्यों में जी.एस.टी. की वसूली घटने पर केन्द्र सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है, क्योंकि उसका राज्यों के साथ हुए समझौते के अनुसार यदि जी.एस.टी. की वसूली घटती है तो इससे केन्द्र को उनकी भरपाई करनी पड़ेगी। कुछ समय पहले ही इस संबंध में चिंता व्यक्त की गई थी कि पंजाब में जी.एस.टी. की वसूली में लगभग 37 प्रतिशत कमी पाई गई है। जी.एस.टी. की वसूली घटने के कई कारण बताए जा रहे हैं और सामान अन्य राज्यों में भेजने के लिए ई-वे बिल इसलिए आरम्भ किया गया था कि किसी प्रकार की लीकेज को रोका जा सके। जी.एस.टी. की वसूली में आई कमी का एक कारण तो राज्य में औद्योगिक विकास के घटने को भी बताया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर अब पंजाब सहित केन्द्रीय जी.एस.टी. विभाग ने भी इस मामले में डीलरों की जवाब तलबी आरम्भ कर दी है। राज्य में जी.एस.टी. की 9 प्रतिशत वसूली पंजाब के जी.एस.टी. विभाग ने करनी है, जबकि अन्य 1 प्रतिशत वसूली तो केन्द्र के पास ही है। सूत्रों की माने तो डीलरों को कई प्रकार के नोटिस आ रहे हैं कि वह अपने दस्तावेजों की जांच करवाएं। खरीदने और बेचने के दस्तावेज़ों में अंतर है। बताया जाता है कि मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के कारण तो पहले ही ना ही केन्द्र और ना ही पंजाब का जी.एस.टी. विभाग किसी प्रकार की कोई सख्ती करने की तैयारी में है, पर जिन डीलरों से कम जी.एस.टी. वसूली आने का अंदेशा है उन्हें अवश्य जांच के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। 1 जुलाई 2017 को जब जी.एस.टी. लागू किया गया था तो तब से लेकर अब तक करीब 450 संशोधन कानून में हो चुके हैं। कर मामलों के विशेषज्ञ पुनीत ओबराय का कहना है कि इस कानून में तो इतने ज्यादा संशोधन हो चुके हैं कि अब तो कई बार यह याद ही नहीं रहता की कौन-सा संशोधन हुआ है। पूरी तैयारी न होने के कारण ही ज्यादा संशोधन हुए हैं।