गुरु नानक देव जी से संबंधित स्थानों का प्राचीन तथा विरासती रूप बरकरार रखा जाए : सिद्धू

चंडीगढ़, 20 जनवरी (अ.स.) : संसार भर में नाम जपने किरत करने तथा बांट कर खाने का संदेश देने वाले सिख धर्म के प्रमुख श्री गुरु नानक देव जी के साथ संबंधित स्थानों की पुरातन तथा विरासती दिख को बहाल रखने के लिए पंजाब के निकाय, पर्यटन तथा सांस्कृतिक मामलों बारे मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान को पत्र लिखे हैं। उन्होंने निवेदन किया है कि श्री गुरु नानक देव जी की चरण छोह प्राप्त करतारपुर साहिब तथा डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा साहिब तथा इनके निकटवर्ती क्षेत्र की पवित्रता तथा पुरातन दिख हू-ब-हू बहाल रखी जाए तथा इन स्थानों को ‘विरासती गांव’ का दर्जा दिया जाए। स. सिद्धू द्वारा श्री मोदी तथा इमरान खान को लिखे पत्रों में निवेदन किया है कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनज़र दोनों देशों की सरकारों द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों के लिए योजनाबंदी की जा रही है। गुरु साहिब के साथ संबंधित स्थानों का विकास ऐसे ढंग से किया जाए कि उस जगह का महत्त्व, पवित्रता तथा पुरातनता भंग न हो ताकि संगत गुरु साहिब तथा उनके समय को निकट से महसूस कर सके। उन्होंने कहा कि संगत या पर्यटकों की सुविधा के नाम पर रुहानियत के प्रतीक इन पवित्र स्थानों को संगमरमर में जड़कर कंक्रीट का जंगल न बनाया जाए। स. सिद्धू ने लिखा है कि जिस धरती पर बाबा नानक ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए तथा जिस धरती को बाबा नानक ने स्वयं सींचा उस ज़मीन में कोई निर्माण न किया जाए बल्कि इस जरखेज़ मिट्टी में जैविक कृषि की जाए तथा इसमें बीजी फसल का लंगर तैयार करके संगत को छकाया जाए। उन्होंने मांग की कि इस स्थान के दर्शनों के लिए आने वाली संगत को वाहनों का बिल्कुल प्रयोग न करने दिया जाए। वाहनों के प्रयोग की आज्ञा केवल बुजुर्गों, अपाहिजों या बीमारों को करने दी जाए। यहां आने वाली संगत को सभी ज़रूरी बुनियादी सुविधा मुहैया करवाईं जाएं तथा इन स्थानों के निकटवर्ती बाज़ारों में पुरातन तथा विरासती वस्तुएं लाए जाने को उत्साहित किया जाए। उन्होंने मांग की कि इन पवित्र स्थानों के निकट शापिंग काम्पलैक्स न खुलने दिए जाएं, जिनमें फास्ट-फूड प्लास्टिक के बर्तनों में परोसे जाते हैं। उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को निवेदन किया कि इन स्थानों को इस तरीके से विकसित किया जाए कि आज की तथा आने वाली पीढ़ी गुरु साहिब जी के सादे जीवन से सीख ले सकें।