हरिके झील में प्रवासी पक्षियों की रिकार्ड तोड़ आमद

हरिके पत्तन, 21 जनवरी (रितु कुंद्रा): विश्व प्रसिद्ध हरिके झील बेशक सरकार की निगाहों में अनदेखी रही है पर विदेश से हज़ारों किलोमीटरों का सफर तय कर आए प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थान रहा है हरिके झील। इस बार इन प्रवासी पक्षियों की संख्या ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए। जंगली जीव और वन्य विभाग हरिके की ओर से प्रवासी पक्षियों की, की गई संख्या के मुताबिक 1 लाख 23 हज़ार 128 विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों ने हरिके झील पर दस्तक दी है और इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी झील के इतिहास में पहली बार पहुंचे हैं। विभाग के मुताबिक वर्ष 2005 में 1 लाख 5000 पक्षी पहुंचे थे। प्रवासी पक्षियों की संख्या का यह सबसे बड़ा रिकार्ड था। पिछले वर्ष  94771 प्रवासी पक्षी झील में पहुंचे थे। जंगली जीव और वन विभाग हरिके जो हर वर्ष प्रवासी पक्षियों की संख्या का कार्य करता है, इस बार 18 से 20 जनवरी तक विभाग की ओर से संख्या का कार्य पूरा किया गया। जिसमें हरिके के कर्मचारियों के अतिरिक्त डब्ल्यू.डब्ल्यू. एफ. चंडीगढ़ बर्ड क्लब अमृतसर बर्ड क्लब, फरीदकोट बर्ड क्लब, लुधियाना बर्ड क्लब की टीमों ने भाग लिया। इस संख्या के कार्य के लिए विभाग की ओर से 12 टीमें बनाई गई जोकि एक ही समय में झील के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर संख्या का कार्य करती थी। विभाग की डी.एफ.ओ. मैडम कल्पना के ने प्रवासी पक्षियों की रिकार्ड तोड़ आमद पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 95 विभिन्न प्रजातियों की 1 लाख 23 हज़ार 128 पक्षियों की संख्या दर्ज की गई है। जिसमें सबसे अधिक कूट 73765, गड़वाल 22553 ग्रे लैग गीज 8321, लिटल कार्मोनैंट 3540 और वीज़न 2054 झील पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी  पक्षियों का यहां पहुंचना हरिके झील के लिए गर्व की बात है। उन्होंने ओर कहा कि पक्षियों की सुरक्षा को लेकर विभाग की ओर से पूरे प्रबंध किए गए हैं। विभाग की टीमें रात-दिन गश्त करती हैं।