लाभदायक है गाय के घी का सेवन


युवा पीढ़ी प्राय: देसी घी का नाम सुनते ही नाक भौं सिकोड़ने लगती है। उन्हें इसमें एक अलग सी स्मेल आती है, इसलिए इससे दूरी बनाए रखते हैं जबकि यह सेहत के लिए ठीक नहीं।   गाय का घी सेहत के लिए उत्तम होता है और हमारी कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है। गाय का घी हमें जवां बनाए रखता है। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ठीक रहती है। यह कैंसर सेल्स का बढ़ना रोकने में मदद करता है, माइग्रेन के लिए भी लाभप्रद है और वजन भी संयम में रहता है।
त्वचा:-गाय के घी में शरीर में पाए जाने वाले रेडिकल्स से लड़ने की शक्ति होती है क्योंकि इसमें एंटीआक्सीडेंटस की मात्रा काफी होती है। त्वचा को नमी प्राप्त होती है जिससे त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है और त्वचा को पोषण मिलता है। नियमित गाय के घी से चेहरे पर हल्की मालिश करने से चेहरे पर झुर्रियां देर से आती हैं। 
कैंसर:- गाय के घी में एंटी कैंसर और एंटी वायरल तत्व होते हैं जो कई प्रकार की बीमरियों से लड़ने में मदद करते हैं। गाय का घी स्तन तथा आंत के कैंसर से बचाता है। अगर कैंसर रोगी इसका सेवन करें तो यह कैंसर को फैलने से रोकने में भी मदद करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता:- देसी घी का सेवन शरीर को स्वस्थ रखता है क्योंकि इसमें विटामिन के -2 पाया जाता है जो ब्लड सेल्स में जमा कैल्शियम को हटाने में मदद करता है। शरीर में इंफेक्शन और बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है और रक्त का बहाव ठीक रखता है।
कोलेस्ट्राल:-  गाय का शुद्ध घी खाने से खून और आंतों में जमा कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्योंकि घी से बाइलरी लिपिड का स्राव बढ़ता है। देसी घी बैड कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रण में रखता है और गुड कोलेस्ट्राल को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए नियमित रूप से सीमित गाय के घी का सेवन करें।
माइग्रेन:- माइग्रेन के रोगी अगर दो बूंद गाय का देसी घी सुबह शाम नाक में डालें तो माइग्रेन के दर्द में लाभ पहुंचता है। इससे नाक की खुश्की और एलर्जी दूर होती है, दिमाग तरोताजा रहता है।
वजन:- गाय का शुद्ध घी हमारा मेटाबालिज्म नियंत्रण में रखता है क्योंकि गाय के घी में सीएलए पाया जाता है जो शुगर और वजन को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। गाय का घी हाइड्रोनिनेशन से नहीं बनाया जाता है इसलिए शरीर में एक्स्ट्रा फैट नहीं बनता।
सावधानी : गाय का घीं शुरू करने से पहले एक बार किसी आयुर्वेद चिकित्सकं से सलाह ले लें ताकि वह आपकी शारीरिक समस्याओं के अनुसार आपको प्रतिदिन कितने घी का सेवन करना है इसका उचित मार्गदर्शन कर सके। (स्वास्थ्य दर्पण)
-सुदर्शन चौधरी