केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले- जीएसटी अपीलीय प्राधिकरण के गठन को स्वीकृति


नई दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के मामलों में अग्रिम निर्णयों के लिए एक केंद्रीकृत अपीलीय प्राधिकरण (एएएआर) के गठन की मंजूरी दे दी। इसके लिए जीएसटी संबंधी अधिनियमों में संशोधन करने होंगे। प्राधिकरण ऐसे मामलों की सुनवाई करेगा जिनमें दो राज्य स्तरीय अग्रिम निर्णय प्राधिकरणों (एएआर) के निर्णय एक-दूसरे से भिन्न होंगे। वित्त मंत्री अरुण जेतली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद् ने दिसम्बर में हुई बैठक के दौरान एक केंद्रीकृत एएएआर के गठन का निर्णय किया था। जीएसटी परिषद् में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। यह जीएसटी पर निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय ‘जीएसटी अपीलीय प्राधिकरण’ के गठन को मंजूरी दी गई।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू कामगारों की भर्ती में सहयोग संबंधी भारत और कुवैत के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी। यह समझौता ज्ञापन घरेलू कामगारों से संबंधित मामलों में सहयोग हेतु एक संरचित ढांचा प्रदान करता है और कुवैत में नियोजित महिला कामगारों सहित सभी भारतीय घरेलू कामगारों के लिए मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रारंभ में यह समझौता ज्ञापन पांच वर्षों की अवधि के लिए वैध है और इसमें स्वत: नवीकरण का प्रावधान निहित है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में स्वायत्त परिषदों के वित्तीय अधिकार बढ़ाने तथा असम,मिजोरम और त्रिपुरा में ग्राम पंचायतों तथा निगम परिषदों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के लिए संविधान संशोधन के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। बैठक में संविधान के अनुच्छेद 280 तथा छठी सूची में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे पूर्वोत्तर के इन राज्यों की लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी हो गई हैं। इस संशोधन के बाद असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में राज्य वित्त आयोग के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत और जापान के बीच सहयोग ज्ञापन को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारत और जापान के बीच खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में द्वीपक्षीय सहयोग से दोनों देशों के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को परस्पर लाभ मिलेगा।