विदेशों में तेज़ी से खाद्य तेल उछले : सरसों भी तेज़

नई दिल्ली, 27 जनवरी (एजेंसी): गत सप्ताह मलेशिया एवं इंडोनेशिया दोनों ही तेल उत्पादक देशों के उत्पादक बिकवाली से पीछे हट गये, जिसके चलते वहां 12/13 डॉलर प्रति टन सीपीओ के भाव बढ़ गये। शिकागो सोया तेल वायदा भी तेज रहा जिसके चलते सभी उत्पादक मंडियों में सरसों, सोया, बिनौला व चावल तेल तेज हो गये। सरसों भी 100 रुपए बढ़ गयी। सोया डीओसी में तेजी के बाद विराम लग गया। आलोच्य सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बड़े निर्यातक हर भाव में खाद्य तेलों की लिवाली में आ गये। वहीं नीचे वाले भाव पर मलेशिया व इंडोनेशिया में भी तेल उत्पादक सीपीओ की बिकवाली करने से पीछे हट गये, जिसके चलते 12 डॉलर बढ़कर मलेशिया में सीपीओ 547 एवं इंडोनेशिया में 549 डॉलर प्रति टन की ऊंचाई पर जा पहुंचा। इसके प्रभाव से कांदला में भी इसके भाव 3750 से बढ़कर 3820 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। तेल सोया में भी लगातार तेजी का रुख बना रहा। कांदला में उक्त अवधि के अंतराल तेल सोया 150 रुपए बढ़कर 7650 रुपए एवं इंदौर में 50 रुपए की बढ़त लेकर 7700 रुपए का व्यापार हो गया। सोयाबीन में लगातार तेजी के बाद सप्ताहांत में थोड़ा बाजार नरम हो गये क्योंकि ऊंचे भाव में साल्वेंट प्लांट वाले माल लेने से पीछे हट गये तथा डिब्बे में भी बड़े सटोरिये बेचू आ गया। यहां भी तेल सोया 8300 से बढ़कर 8350 रुपए एवं डिगम 8150 रुपए हो गया। सप्ताहांत में ग्राहकी के अभाव में 30 रुपए नरम रहा। बिनौला तेल में भी मजबूती लिये बाजार बंद हुआ। तेल सरसों 150 रुपए बढ़कर 8500 रुपए यहां बिक गया। इसमें तेजी के दो कारण रहे, पहला यह कि आने वाली फसल में पोल देखकर निवाई-कोटा-टोंक लाइन के व्यापारियों ने 100 रुपए बढ़ाकर 4180/4185 रुपए प्रति क्विंटल जयपुर पहुंच में व्यापार किया। इसका तेल भी जयपुर पहुंच 150 रुपए तेज बिक गया। इसके अलावा तेल रहित व सहित खल में तेजी के बाद विराम लग गया। जबकि पेंट उद्योग की मांग कमजोर पड़ने से तेल अरंडी 100 रुपए क्विंटल नीचे आ गया।