यू.के. सरकार ने अपराधियों की सोशल मीडिया के प्रयोग पर लगाई पाबंदी

लंदन, 31 जनवरी (मनप्रीत सिंह बद्धनीकलां) : बर्तानवी सरकार ने बढ़ रहे हिंसक अपराधों खास तौर पर छुरेबाज़ी की घटनाओं को मद्देनज़र रखते हुए अपराधियों की सोशल मीडिया के प्रयोग करने पर पाबंदी लगा दी है। नए आदेशों अनुसार 12 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के संदिग्धों को चाकू हमले (छुरेबाज़ी) की घटनाओं को नकेल डालने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है। ताज़ा आंकड़ों अनुसार यू.के. में गत 5 वर्ष में एक तिहाई छुरेबाज़ी घटनाओं में वृद्धि हुई है। सार्वजनिक स्थानों पर बिना किसी खास कारण के तेज़धार हथियार ले जाने पर पाबंदी है। जबकि स्कूलों में एक चाकू ले जाना अपराध है। ऐसे मामलों में जहां संदिग्धों तथा गलियों में घूमने पर अदालतों द्वारा कर्फ्यू लगा दिया जाता है, गैंग घटनाएं रोकने के लिए खास स्थानों पर जाने पर पाबंदी लगा दी जाती है, अपराधियों की सोच बदलने के लिए खास कोर्स करवाए जाते हैं, वहीं संदिग्ध लोगों को सोशल मीडिया का प्रयोग करने पर पाबंदी लगाई जा सकती है। गैंग सदस्यों को मिलने पर 2 वर्ष की पाबंदी लगाई जाती है। इन आदेशों की उल्लंघना करने वालों को 2 वर्ष कैद की सज़ा हो सकती है। यू.के. में प्रत्येक 5वां अपराध चाकू से संबंधित है, जिसमें 10 से 17 वर्ष के नाबालिग शामिल हैं। अप्रैल 2018 तक एक वर्ष में 18 वर्ष से कम उम्र के 813 लोगों का गंभीर घायल होने पर अस्पताल में इलाज किया गया, यह आंकड़े मार्च 2015 से 80 प्रतिशत ज्यादा हैं। गृह मंत्री साजिद जावेद ने कहा है कि ऐसे लोगों के साथ निपटने के लिए पुलिस को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं।