प्रदेश में अवैध माइनिंग को लेकर एन.जी.टी. सख्त

रूपनगर, 1 फरवरी (सुमित पसरीचा): आर.टी.आई. कार्यकर्ता एडवोकेट दिनेश चड्ढा द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली के पास चल रही नाजायज माइनिंग संबंधी पटीशन की सुनवाई करते हुए जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाले बैंच ने पंजाब के मुख्य सचिव को इस संबंधी 3 माह में कार्यवाही सहित निजी तौर पर उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। एन.जी.टी. के प्रिंसीपल बैंच ने अपने आदेश में प्रदेश सरकार को हिदायत की है कि रेत, बजरी के स्टोन क्रैशरों को पूरी तरह नियमों अनुसार चलाना यकीनी बनाया जाये। अपने आदेश में एनजीटी ने नाजायज माइनिंग को रोकने, नाजायज मैटीरियल की ढुलाई, इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी के खिलाफ कार्यवाही करने और मुआवजा वसूलने, उचित स्थानों पर चैक पोस्टें लगाने, दरियाओं का सुरक्षा प्रबंध करने तथा अन्य आदेश जारी किए है तथा इन आदेशों के लिए तीन माह का समय दिया गया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एनजीटी ने दोषियों के विरुद्ध 3 महीने में कार्यवाही करने के आदेश भी जारी किए है। चड्ढा ने बताया कि एनजीटी ने इस मौके एक कमेटी गठित की है जो कि नाजायज माइनिंग के साथ हुए नुक्सान की असेसमेंट करके इसकी रिकवरी करने के आदेश जारी करेगी। उन्होंने बतया कि एनजीटी के पास बनाई गई ज्वाइंट कमेटी ने रिपोर्ट दी थी कि माइनिंग मंजूरशुदा गहराई से ज्यादा बिना सीमा रेखा से गैर वैज्ञानिक तरीके से हो रही है, दरियाओं के किनारों की सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा और न ही पेड़ लगाए जा रहे हैं।