वैट दरों को लेकर बजट से उम्मीद लगा रहे हैं पैट्रोल पम्प मालिक

जालन्धर, 11 फरवरी (शिव शर्मा): इस बार पेश किए जाने वाले पंजाब बजट में पैट्रोल पम्प मालिकों को उम्मीद है कि इसमें पैट्रोल पम्प के मामले में कुछ राहत मिल सकती है। चाहे इससे पूर्व ही वित्त विभाग यह स्पष्ट कर चुका है कि पंजाब में अब वैट दरें घटाना सम्भव नहीं है क्योंकि पंजाब के खज़ाने पर पहले ही इसका असर पड़ रहा है। अब तक राज्य के पैट्रोल पम्प मालिक ही वैट दरें घटाने का लम्बा अभियान चलाते रहे हैं परंतु पिछले कुछ समय से डीज़ल के पड़ोसी राज्यों से महंगा होने के कारण इसका असर किसान वर्ग पर भी पड़ना शुरू हुआ था और किसान संगठन भी डीज़ल सस्ता करने का अभियान चलाने का संकेत दे चुके हैं। केन्द्र ने पिछले साल चाहे खुद 2.50 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाकर लोगों को राहत देते हुए राज्यों को अपने हिस्से की वैट दर घटाने की सिफारिश की थी परंतु कुछ राज्यों ने इस सिफारिश को मानते हुए वैट दर घटाई थी परंतु पंजाब में इस बारे फैसला नहीं किया जा सका। अब वैसे भी पैट्रोल व डीज़ल को जी.एस.टी. में शामिल करने की उम्मीद दूर-दूर तक नज़र नहीं आ रही है। एक तरफ तो पैट्रोल पम्प मालिक लम्बे समय से वैट दरें घटाने का अभियान चलाते रहे हैं जबकि दूसरी ओर उनकी चिंता राज्य में नए 2700 पैट्रोल पम्प खोलने की शुरू हुई प्रक्रिया ने बढ़ा दी है। पंजाब में पहले ही 3360 पैट्रोल पम्प मौजूद हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पैट्रोल पम्प मालिकों को नए पैट्रोल पम्पों पर स्टे नहीं मिला था इस समय पैट्रोल पम्प की महीने की पैटोल व डीज़ल की बिक्री कुल 100 किलोमीटर ही रह गई है। पंजाब में 2700 व देशभर में 58000 नए पैट्रोल पम्प लगाए जा रहे हैं। पंजाब में चाहे अभी नए पैट्रोल पम्प लगाने का काम कुछ समय बाद ही पूरा होने की सम्भावना है परंतु इससे कम्पनियाें के साथ-साथ पंजाब सरकार की वैट वसूली में वृद्धि होने की ज्यादा सम्भावना नहीं है क्योंकि, यदि पंजाब में 2700 नए पैट्रोल पम्प खुल जाएंगे तो पैट्रोल पम्पों की दूरी में अंतर और भी कम हो जाएगा। वैसे भी पंजाब में पिछले 10 वर्ष से ज्यादा समय में पैट्रोल, डीज़ल की बिक्री 2 से 3 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ी है जबकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर  व चंडीगढ़ में यह वृद्धि 7 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक भी पार कर चुका है।