लाभदायक है पपीते का सेवन


पपीता एक ऐसा सदाबहार फल है जो पूरे वर्ष बाज़ार में उपलब्ध रहता है, यह फल मीठा होने के साथ-साथ ज्यादा महंगा भी नहीं है। इस फल को हर उम्र का व्यक्ति खा सकता है। यह कदापि हानिकारक नहीं है। हां जहां तक हो सके, रात्रि में इसका सेवन न करें। अमृत तुल्य इस फल के अनेक फायदे हैं। आप भी विभिन्न बीमारियों में इसका उपयोग कर लाभ उठा सकते हैं :-
- यदि आपके दांत में दर्द है तो पपीते से निकलने वाले सफेद दूध को रूई के फाहे में भर कर दांत तले दबा लें।
- बच्चों या बड़ों के गले में टांसिल्स हो जाएं तो कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारे करें। हफ्ता भर करने से यह समस्या दूर हो जाएगी।
- उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति सवेरे खाली पेट पांच सौ ग्राम ताजा पपीता खायें लेकिन एक डेढ़ घंटे तक न तो पानी पिएं, न ही कुछ खाएं। 
- यदि आपका हाजमा सही नहीं है, खट्टी डकारें आती हैं तो रोज एक छोटा पपीता खाना खाने के बाद खायें।
- बच्चों के पेट में कीड़े हो जाएं तो पपीते के 10-12 बीज पीसकर आधा गिलास पानी में मिलाकर 10 से 15 दिन तक लेने से कीड़े मर कर बाहर निकल जाते हैं। 
- यदि जिगर व तिल्ली रोग है तो अधपके पपीते के टुकड़ों को काटकर एक सप्ताह तक सिरके में भिगो दें। तत्पश्चात एक-एक टुकड़ा रोज खायें।
- यदि पेट में कब्ज रहती है तो एक छोटा पपीता तब तक खायें जब तक कब्ज दूर न हो जाए।
- चेहरे पर हल्की झाइयां पड़ने पर पक्के पपीते को पीसकर उसके गूदे को मलें। लाभ होगा।
- पेशाब में जलन की शिकायत है तो कच्चे पपीते की सब्ज़ी या रायता बनाकर खाएं।
- हां, गर्भवती स्त्रियां पपीते का हरगिज सेवन न करें। इससे कभी-कभी गर्भपात हो जाता है। 
- पपीते के सेवन से चेहरे पर झुर्रियां पड़ना, बालों का झड़ना, कब्ज, पेट के कीड़े, स्कर्वी रोग, चर्मरोग, उच्च रक्तचाप, अनियमित मासिक धर्म आदि अनेक बीमारियां दूर हो जाती हैं। पपीते में कैल्शियम, फास्फोरस, लौह तत्व, विटामिन-ए, बी, सी, डी, प्रोटीन, कार्बोज, खनिज आदि अनेक तत्व एक साथ प्राप्त हो जाते हैं। पपीते का बीमारी के अनुसार प्रयोग निम्नानुसार किया जा सकता है।
- पपीते में ‘कारपेन’ या ‘कार्पेइन’ नामक एक क्षारीय तत्व होता है जो रक्त चाप को नियंत्रित करता है। इसी कारण उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के रोगी को एक पपीता (कच्चा) नियमित रूप से खाते रहना चाहिए।
- पपीता यकृत तथा लीवर को पुष्ट करके उसे बल प्रदान करता है। पीलिया रोग में जबकि यकृत अत्यन्त कमजोर हो जाता है, पपीते का सेवन बहुत लाभदायक होता है। पीलिया के रोगी को प्रतिदिन एक पका पपीता अवश्य खाना चाहिए। इससे तिल्ली को भी लाभ पहुंचता है तथा पाचन शक्ति भी सुधरती है।
-पपीते को चेहरे पर रगड़ने से चेहरे पर व्याप्त कील मुंहासे, कालिमा व मैल दूर हो जाते हैं तथा एक नया निखार आ जाता है। इसके लगाने से त्वचा कोमल व लावण्ययुक्त हो जाती है। इसके लिए हमेशा पके पपीते का ही प्रयोग करना चाहिए।
-कब्ज सौ रोगों की जड़ है। अधिकांश लोगों को कब्ज होने की शिकायत रहती है। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे रात्रि भोजन के बाद पपीते का सेवन नियमित रूप से करते रहें। इससे सुबह दस्त साफ होता है तथा कब्ज दूर हो जाता है।
-नए जूते-चप्पल पहनने पर उसकी रगड़ लगने से पैरों में छाले हो जाते हैं। यदि इन पर कच्चे पपीते का रस लगाया जाए तो वे शीघ्र ठीक हो जाते हैं। (स्वास्थ्य दर्पण)
—चेतन चौहान