कैंसर से बचने के लिए ज़रूरी है दांतों का चैकअप


दांत हमारे खाए भोजन को चबाकर हमारे पाचन तंत्र तक पहुंचाते हैं। अगर हम गंदे दांतों से भोजन को चबाएंगे तो भोजन भी दूषित होकर हमारी पाचन प्रणाली तक पहुंचेगा। दांतों की सफाई को नज़रअंदाज़ करना हमारी सेहत पर भारी पड़ सकता है। जो लोग लगातार दांतों की सफाई के प्रति लापरवाही बरतते हैं, उन्हें ओरल कैंसर तक का खतरा हो सकता है। अगर हम दांतों की जांच नियमित रूप से कराते रहें तो हम ओरल कैंसर से स्वयं को बचा सकते हैं। ओरल कैंसर का खतरा उन लोगों को भी अधिक होता है जो धूम्रपान करते हैं और अल्कोहल का प्रयोग अधिक करते हैं। डिजिटल रेडियोग्राफी द्वारा डाक्टर ओरल कैंसर की जांच करते हैं।
ओरल कैंसर के कारण
जो लोग तंबाकू का सेवन प्राय: करते हैं उन्हें ओरल कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बहुत ज्यादा सिगरेट, सिगार पाइप पीने से मुंह के किसी भी हिस्से में कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। पाइप पीने से होंठों के कैंसर का खतरा अधिक होता है।
इसी प्रकार अल्कोहल का सेवन भी ओरल कैंसर के लिए खतरनाक माना जाता है, जो अल्कोहल के साथ सिगरेट भी पीते हैं उन्हें मुंह के कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
किसी भी तरह की ओरल परेशानी के लिए डाक्टर के पास जाएं वैसे तो नियमित डेंटिस्ट के पास जाना चाहिए। अगर कभी मुंह में किसी मसूड़े के पास कोई बदलाव, गांठ या निशान हो तो डाक्टर के पास जाने से परहेज न करें, यह कोई खतरे की घंटी भी हो सकती है।
ओरल कैंसर हो सकता है खतरनाक
ओरल कैंसर अगर शुरू रहते ही न पकड़ा जाए तो अन्य कैंसर की तरह यह भी जानलेवा हो सकता है। 
ओरल कैंसर मुंह के किसी भी हिस्से में हो सकता है। जैसे होंठ, जीभ, गाल, गला आदि। कैंसर किसी खास हिस्से की कोशिकाओं का अनियंत्रित विकास है, जिसके सम्पर्क में स्वस्थ कोशिकाएं भी क्षतिग्रस्त हो जाती है।
किसी भी बदलाव को न करें नज़रअंदाज़
किसी भी तरह का मुंह में हुआ अल्सर ठीक न हो रहा हो तो तुरंत डाक्टर के पास जाएं। कई बार कुछ अल्सर दर्द नहीं करते पर ठीक होने में लम्बा समय लेते हैं। ऐसे में भी डाक्टर को अवश्य दिखाएं। मुंह तथा मुंह के आसपास कोई सूजन, गांठ या चकता दिखे, उसे डाक्टर को दिखाने में लापरवाही न बरतें। (स्वास्थ्य दर्पण)
—मेघा