गैंगस्टरों व नशा तस्करों को सिर नहीं उठाने देंगे : बदनौर

हरकवलजीत सिंह
चंडीगढ़, 12 फरवरी : पंजाब विधानसभा के बजट समारोह की शुरुआत आज यहां राज्यपाल पंजाब श्री वी.पी. सिंह बदनौर द्वारा सरकार के अगले 2 वर्षों के लेखे-जोखे संबंधी भाषण के साथ की गई, जिसमें उन्होंने मौजूदा सरकार की गैंगस्टरों, आतंकवादियों, नशा तस्करों, धार्मिक ग्रंथों की बेअदबियों के दोषियों को काबू करने तथा सरकार द्वारा तंदुरुस्त पंजाब कार्यक्रम के अधीन मिलावटखोरी के विरुद्ध छेड़ी गई मुहिम, किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों तथा ऋण माफी के अतिरिक्त राज्य को वित्तीय संकट से निकालने के लिए किए गए प्रयासों का ज़िक्र किया। श्री बदनौर ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में अमन कानून तथा शांति को हर कीमत पर बहाल रखा जाएगा तथा गैंगस्टरों, आतंकवादियों, नशा तस्करों तथा शरारती तत्त्वों को सिर उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार राज्य के लोगों को यह आश्वासन दिलाती है कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबियों के दोषियों तक पहुंचने तथा उनको सज़ाएं दिलवाने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। राज्यपाल जिनके द्वारा अपना भाषण अंग्रेज़ी में पढ़ना जैसे ही शुरू किया गया अकाली तथा भाजपा सदस्य सदन में खड़े होकर किसानों की आत्महत्याओं के मुद्दे पर नारेबाज़ी करने लग पड़े, पूर्व वित्त मंत्री स. परमिन्द्र सिंह ढींडसा तथा भाजपा के श्री सोम दत्त के नेतृत्व में कुछ मिनट पहले यह सदस्य स्पीकर की कुर्सी के सामने चले गए, जहां लगभग 10 मिनट तक नारेबाज़ी करने के बाद अकाली दल तथा भाजपा के ये सदस्य सदन से वाक्आऊट कर गए। दिलचस्प बात यह थी कि पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के अध्यक्ष स. सुखबीर सिंह बादल तथा पूर्व मंत्री स. बिक्रम सिंह मजीठिया चंडीगढ़ में उपस्थित होने के बावजूद राज्यपाल के भाषण पर सदन से गैर हाज़िर रहे। लोक इंसाफ पार्टी के स. सिमरजीत सिंह बैंस तथा स. बलविन्द्र सिंह बैंस द्वारा भी राज्यपाल के भाषण संबंधी यह एतराज किया गया कि वह अपना भाषण पंजाबी में पढ़ने तथा उनके द्वारा सदन में कुछ मिनट इस मुद्दे को लेकर आवाज़ भी उठाई तथा नारेबाज़ी भी की, लेकिन वह भी बाद में राज्यपाल द्वारा भाषण पंजाबी में न पढ़े जाने के विरोध में सदन से वाक्आऊट कर गए। दिलचस्प बात यह थी कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चंडीगढ़ तथा पंजाबी भाषा के क्षेत्र जिनकी मांग राज्यपाल के भाषण में लगभग हमेशा दोहराई जाती है, का इस बार राज्यपाल के भाषण दौरान ज़िक्र तक नहीं किया गया। राज्यपाल जिनके द्वारा सरकार का भाषण लगभग 56 मिनट में पढ़ा गया द्वारा सदन को बताया गया कि मौजूदा सरकार सक्रिय गैंगस्टरों को नकेल डालने में कामयाब रही है तथा ‘ए’ श्रेणी के 10 गैंगस्टरों सहित 1414 गैंगस्टरों तथा आरोपी समूहों के सदस्यों को या गिरफ्तार तथा या फिर मारा गया है। उन्होंने कहा कि 22 विदेशी तस्करों सहित 100 कथित आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
राज्यपाल ने अपने भाषण में बताया कि मौजूदा सरकार पाकिस्तान में गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब तक गलियारे को 12 नवम्बर 2019 तक चालू करवाने संबंधी किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि डेरा बाबा नानक गलियारे के साथ लगते क्षेत्रों के योजनाबद्ध विकास के लिए डेरा बाबा नानक विकास अथारिटी का गठन कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जलियांवाला बाग घटना की शताब्दी को भी राज्य सरकार व्यापक स्तर पर मनाना चाहती है, जोकि 13 अप्रैल 2019 को आएगी।
दिलचस्प बात यह थी कि राज्यपाल द्वारा पढ़े गए इस भाषण में पंजाबी भाषा या संस्कृति का ज़िक्र तक नहीं किया गया, जबकि इतना ज़रूर बताया गया कि 2387 प्राइमरी स्कूलों में छोटे बच्चों के लिए अपनी मातृ भाषा के अतिरिक्त अंग्रेज़ी को भी शुरू करने का फैसला लिया गया। राज्यपाल के भाषण दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक चुपचाप बैठे रहे तथा उनके द्वारा किसी तरह का शोरगुल करने की कोशिश नहीं की गई। पार्टी से बागी विधायक स. सुखपाल सिंह खैहरा तथा कंवर संधू आज सदन में उपस्थित नहीं थे, जबकि स. एच.एस. फूल्का जिनका सदन की सदस्यता से इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ, आज की बैठक में सदन से गैर हाज़िर थे हालांकि उन्होंने बजट समारोह में सदन में उपस्थित होने का संकेत दिया था।