लोक सभा चुनाव : फरीदकोट से उम्मीदवारों के चयन संबंधी पार्टियां दुविधा में

फरीदकोट, 13 फरवरी (जसवंत सिंह पुरबा): फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र से बड़े-बड़े नेता जीत प्राप्त कर संसद में पहुंचे। 4 जिलों फरीदकोट, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब व बठिंडा पर अधारित 9 विधान सभा हल्के फरीदकोट, कोटकपूरा, जैतों आरक्षित, मोगा, बाघापुराना, निहाल सिंह वाला, धर्मकोट, रामपुरा फूल व गिदड़बाहा इसमें शामिल हैं। फरीदकोट से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल, जगमीत सिंह बराड़, भाई शमिंदर सिंह, गुरविंदर कौर बराड़, जगदेव सिंह खुडियां सहित कई नेता चुने जा चुके हैं। 2009 में यह क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने के कारण इसका महत्त्व कम हो गया और यहां राजसी गतीविधियां भी नही के बराबर हो गईं। पिछली लोक सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की चली आँधी के कारण यहां पहली बार चुनाव मैदान में उतरे प्रो. साधू सिंह भारी अंतर से विजयी रहे। पिछली विधान सभा चुनाव में 9 हल्कों में से 6 हल्कों में कांग्रेस पार्टी व तीन हल्कों में आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए। फरीदकोट पहले रवायती तौर पर अकाली दल से सबंधित था। यहां 6 बार शिरोमणि अकाली दल, 3 बार कांग्रेस, 1 बार शिरोमणि अकाली दल अमृतसर, 1 बार आम आदमी पार्टी विजयी रही। सभी मुख्य राजनीतिक पार्टियों के मजबूत उम्मीदवार उभर कर सामने नहीं आ रहे। उम्मीदवारों को लेकर स्थिति अभी धूमिल है। पंजाब में सत्ता पर आसीन कांग्रेस द्वारा इस हल्के से उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उम्मीदवारों की कतार में सबसे पहला नाम प्रसिद्ध गायक व पूर्व विधायक मुहम्मद सदीक का है। जो चुनाव लड़ने के पूरे इच्छुक हैं। वह इससे पहले 2012 में जिला बरनाला के विधान सभा हल्का भदौड़ से विधायक रह चुके हैं। 2017 की पंजाब विधान सभा चुनाव में हल्का जैतो आरक्षित से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मास्टर बलदेव सिंह से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस के सियासी गलियारों में चल रहीं बातों से पता लगा है कि पार्टी इस हल्के से प्रसिद्ध दलित नेता व अमृतसर पश्चिमी से विधायक राज कुमार वेरका को इस हल्के से चुनाव लड़ा सकती है। इसके इलावा पूर्व केंद्रिय गृह मंत्री बूटा सिंह के भांजे व पंजाब के पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान भी इस हल्के से चुनाव लड़ने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। फिरोज़पुर देहाती से महिला कांग्रेसी विधायक सतकार कौर ने भी इस हल्के से अपनी दावेदारी पेश की है। अगर इन चारों में कांग्रेस पार्टी किसी को टिकट देती है तो यह चाराें ही नेता फरीदकोट से बाहर के हैं। शिरोमणि अकाली दल की ओर नज़र मारी जाए तो उसकी ओर से कई नेता इस सीट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। जिनमें पूर्व विधायक जोगिंदर सिंह पंजगराई, वह पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी को छोड़ कर अकाली दल में शामिल हुए थे। सियासी हल्के इस घटना को लोक सभा टिकट को जोड़ कर देख रहे हैं। वह इस हल्के से सबंध रखते हैं और पिछली लोक सभा चुनाव कांग्रेस टिकट पर लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे। वह लोक सभा हल्के के अंतर्गत जैतो आरक्षित विधान सभा हल्के से दो बार विधायक बने हैं। टिकट मिलने की चर्चाओं में दूसरा प्रमुख नाम मलोट आरक्षित से पूर्व विधायक हरप्रीत सिंह कोटभाई का है। वह 2017 की पंजाब विधान चुनाव दौरान जिला बठिंडा के हल्का भुच्चो मंडी आरक्षित से चुनाव लड़े थे पर हार गए थे। इस हल्के से अकाली दल की टिकट के तीसरा नाम लोक सभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर चरनजीत सिंह अटवाल का है। अटवाल अकाली दल में दलित नेताओं से सबसे सीनीयर व प्रमुख नेता हैं। अगर किसी सियासी पार्टी के उम्मीदवार के बारे में तस्वीर थोड़ी स्पष्ट हुई है वह पंजाब विधान सभा में विरोधी गुट आम आदमी पार्टी जिस द्वारा फरीदकोट लोक सभा हल्के के मौजूदा मैंबर पार्लीमैंट को टिकट दे दी गई है। वह पिछली लोक सभा चुनाव दौरान भगवंत मान से बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक लीड लेकर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार हैं। उनका पाँच साल का कार्यकाल मिलीजुली तस्वीर पेश करता है। जिसमें वह कुछ समय अपनी सेहत के कारण हल्के में उतने कार्यशील नही रहे पर बाद में वह हल्के के लोगों में काफी आना जाना रखा और लोगाें के काम भी करवाते रहे। उन्होंने अब तक अपने अखतियारी फंड में से 22.50 करोड़ रुपए बांटे हैं व बाकी राशि भी जल्दी रिलीज़ होने का दावा कर रहे हैं। आम आदी  पार्टी से अलग हुए गुट ने पंजाब एकता पार्टी बना ली है। जिसने एक नए सियासी गठजोड़ का रूप लिया है। जैतो के मौजूदा विधायक मास्टर बलदेव सिंह लोक सभा सीट के लिए मुख्य दावेदार हैं। वह अपनी विधान सभा की सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। इसी तरह और दलों मे बसपा की ओर से एडवोकेट कुलदीप सिह अपनी दावेदारी कर रहे हैं व अकाली दल से बागी होकर बने अकाली दल टकसाली द्वारा भी यहां उम्मीदवार उतारे जाने की संभावना है। कुल मिला कर देखा जाए तो आम आदमी पार्टी को छोड़ कर और किसी भी गुट में उम्मीदवार सबंधी स्थिति स्पष्ट नही है और यह भी उम्मीद की जा रही है कि ज्यादतर पार्टियाें द्वारा चुनाव लड़ने के लिए पैराशूट उम्मीदवार ही लाए जाएंगे।