तिल में अभी 15 रुपए किलो की और तेज़ी

नई दिल्ली, 15 फरवरी (एजेंसी): तिल का उत्पादन व स्टॉक दोनों ही इस बार खपत के अनुरूप नहीं है, जिससे 15 रुपए किलो की तेजी यहां से और बनने की संभावना है। फिलहाल नीचे भाव से आई तेजी के बाद एक/दो रुपए की करैक्शन से बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है। मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की मंडियों में तिल के कारोबारियों के पास ज्यादा माल का स्टॉक नहीं है। इस बार तिल का कुल उत्पादन तीन लाख टन के करीब हुआ है। पुराना स्टॉक बिल्कुल नहीं बचा था तथा सबसे तेजी का प्रमुख कारण यह है कि इस बार अफ्रीकन देशों ेमें ऊंचे भाव होने से आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं। उक्त देशों में भी इस बार तिल के उत्पादन में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। अत: सीजन में आई भारी तेजी के बाद 30/32 रुपए किलो का मंदा आने से तिल के व्यापारियों में पिछले महीने जबरदस्त घबराहट आ गयी थी, लेकिन यह बार-बार लिखा गया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।  ग्वालियर लाइन में तिल 141 रुपए बिकने के बाद 109 रुपए तक नीचे में बिक गयी थी। छतरपुर-नौगांव लाइन में भी 100/101 रुपए का व्यापार हो गया था। अब इसके भाव 112/113 रुपए हो गये हैं तथा ग्वालियर में 120/121 रुपए का हलिंग का व्यापार हो रहा है। अगले महीने एक और बड़ा निर्यात का टेण्डर आने वाला है, उससे पहले भी निर्यातकों की लिवाली आ सकती है। जबकि किसी भी मंडी में माल अधिक नहीं है। व्यापारी ऊंचे वाले भाव देखकर पश्चाताप में ऊंचे भाव का इंतजार कर रहे हैं तथा कुछ कारोबारी और माल खरीदने से कतरा रहे हैं।  बाजारों में माल की कमी बनी हुई है।  जिससे रुक-रुककर इसमें फिर पुराने तेजी वाले भाव आएंगे, लेकिन उसमें सीजन की तेजी के चलते कुछ समय जरूर लगेगा। वर्तमान भाव पर भी 15 रुपए किलो की तेजी होली से पहले आ जाएगी।