बस चालक था शहीद जैमल सिंह

कोट ईसे खां, 15 फरवरी (मनी अरोड़ा) : कल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए फिदाइन हमले दौरान शहीद हुए सी.आर.पी.एफ. जवानों में ज़िला मोगा के कस्बा कोट ईसे खां का जैमल सिंह पुत्र जसवंत सिंह भी अपनी जिन्दगी देश के नाम लगाकर शहीद हो गया। शहादत की खबर मिलते ही उसकी पत्नी सुखजीत कौर, पारिवारिक सदस्यों तथा रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल था तथा किसी से भी उनका विलाप झेला नहीं था जा रहा। वर्णनीय है कि जैमल सिंह के घर विवाह से अठारह साल बाद पैदा हुआ पांच वर्ष का पुत्र गुरप्रकाश सिंह अपने पिता की इस शहादत से अन्जान था। जैमल सिंह ने 23 अप्रैल 1993 में सी.आर.पी.एफ. में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी तथा जिस बस पर आतंकवादी हमला हुआ वह उस बस का चालक था। सूचना अनुसार छुट्टी पर गए होने के कारण किसी दूसरे जवान की जगह पर जैमल सिंह इस बस को चला रहा था। वर्णनीय है कि जैमल सिंह का पिता जसवंत सिंह अपने क्षेत्र में पाठी के रूप में सेवाएं निभा रहा है जबकि उसका छोटा भाई नसीब सिंह रोज़ी-रोटी के लिए मलेशिया गया हुआ था जोकि अपने भाई की शहीदी की खबर सुनकर वापिस देश को चल पड़ा है। उसकी एक बहन हरजिन्द्र कौर जोकि शादीशुदा है। सुबह के समय इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ दुख बंटाने पूर्व कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह तथा सोहन सिंह खेला पी.ए. क्षेत्र विधायक सुखजीत सिंह लोहगढ़ पहुंचे। उनके अतिरिक्त व ज़िलाधीश संदीप हांस तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर दुख सांझा करते पंजाब सरकार की तरफ से हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिया। ज़िलाधीश मोगा ने कहा कि जैमल सिंह का पार्थिव शरीर देर रात या सुबह तक आने की संभावना है तथा शहीद की मृतक देह का अंतिम संस्कार पूरे सरकारी सम्मान के साथ किया जाएगा।