कुलविन्दर माता पिता का था इकलौता बेटा

नूरपुरबेदी, 15 फरवरी (मनदीप बाली): जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों की तरफ से सी. आर. पी. एफ के जवानों पर किए गए फिदाईन हमले में शहीद हुए पंजाब के 4 जवानों में एक सैनिक तहसील आनंदपुर साहिब में पड़ते ब्लाक नूरपुर बेदी के गांव रोली के साथ संबंधित था। इस खबर के पता चलने पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दोड़ गई। शहीद हुआ 26 वर्षीय सैनिक कुलविन्दर सिंह माता पिता का अकेला पुत्र था और वह 10 फरवरी को 10 दिन की छुट्टी काट कर 11 फरवरी को वापिस ड्यूटी पर लौटा था। नूरपुर बेदी से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शहीद के घर का आज जब दौरा किया तो देखा की पूरे गांव में माहोल गमगीन था और क्या वृद्ध और क्या जवान हर एक की आंख में से आंसू गिर रहे थे। घर में कोई शहीद के पिता दर्शन सिंह को और कोई शहीद की माता अमरजीत कौर को संभालने में लगा हुआ था। किसी से भी उनका दुख देखा नहीं था जा रहा। शहीद सैनिक कुलविन्दर सिंह 5 साल पहले वर्ष 2014 में भर्ती हुआ था। जिस दिन राजी-खुशी का फोन आया, उसी रात शहीद होने की सूचना मिली : माता पिता को क्या पता था की जिस लड़के की राजी-खुशी का हमले वाले दिन 14 फरवरी की सुबह को फोन आया था का उसी रात शहीद होने का समाचार प्राप्त होगा। शहीद के चाचा अवतार सिंह ने रोते हुए बताया की रात करीब 11 बजे आया उक्त दुखदाई समाचार उसी ने सुना था। कुछ देर के लिए तो वह गुमसुम हो गया और समझ नहीं पाया की यह क्या हुआ है। पिता रो-रो कर कह रहा था की हम वृद्धों को कौन पिलाएगा अब पानी का घूट : शहीद का पिता दर्शन सिंह जिसका दुख देखा नहीं जा रहा था, कह रहा था की हमें अकेले को छोड़ कर कहां चल गया है। अब हमें वृद्धों को तुम्हारे बाद कौन पानी का घूट पिलाएगा।शहीद के विवाह की तारीख निश्चित की हुई थी : अकेला पुत्र होने के कारण माता बाप को अपने लड़के के विवाह का काफी चाव था। विवाह की 8-9 नवम्बर की तारीख निश्चित होने के कारण पूरी तैयारियां शुरू की हुई थी। आज होगा शहीद का सरकारी सम्मानों के साथ संस्कार : शहीद कुलविन्दर सिंह का 16 फरवरी को सरकारी सम्मानों के साथ गांव रोली के समशानघाट में संस्कार किया जायेगा। पारिवारिक सदस्यों अनुसार शहीद की देह आज देर रात तक पहुंचने की आशा है।