धूप में पेड़-पौधों की पत्तियां गर्म क्यों नहीं होतीं ?

पेड़-पौधे धूप में खड़े रहते हैं, फिर भी इनकी पत्तियां गर्म नहीं होतीं, न तो ये धूप के प्रकोप से मुरझाती हैं, न ही सूखती हैं। आखिर पत्तियां तरोताज़ा व हरी-भरी क्यों रहती हैं? दरअसल पेड़-पौधों की पत्तियों की रचना कोशिकाओं की कई परतों से होती है। प्रत्येक पत्ती की कोशिकाएं ऊपर और नीचे की ओर बाह्य रचनाओं से ढकी होती है। नीचे की त्वचा में अनेक छोटे-मोटे सूक्ष्म छिद्र होते हैं। इन छिद्रों को स्टोमेटा कहते हैं। ये छेद वाल्व की तरह काम करते हैं। ये वाल्व पत्ती और वायुमंडल के बीच गैसों के आदान-प्रदान पर नियंत्रण करते हैं, जब ये छेद खुले होते हैं, तो वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड गैस पत्ती के अन्दर प्रवेश करती है। इन्हीं छेदों से पत्ती के अन्दर की आक्सीजन और जल वाष्प बाहर आती है। जब स्टोमेटा बंद होते हैं तो कोई भी गैस न अंदर जा सकती है, और न ही पत्ती से बाहर आ सकती है।हां, इस वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया के द्वारा पेड़ों की पत्तियां कड़ी से कड़ी धूप में भी ठंडी रहती हैं। वाष्पन क्रिया से ठंडक पैदा होती है। पल-पल पेड़ों की पत्तियों में वाष्पोत्सर्जन होता रहता है। इस कारण से ये सूरज की गर्मी से भी तनिक गर्म नहीं हो पातीं, ये हवा में लहराती हरी-भरी व तरोताज़ा दिखाई देती हैं।