आगामी शैक्षणिक सत्र में 8 प्र.श. से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे निजी स्कूल

वरसोला, 15 फरवरी (वरिंदर सहोता): पंजाब के समूह निजी स्कूल आगामी शैक्षणिक सत्र 2019-20 के दौरान 8 फीसदी से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे, यदि कोई स्कूल ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश डायरैक्टर शिक्षा विभाग (सै.शि.) पंजाब ने समूह ज़िलों के ज़िला शिक्षा अधिकारी (सै.सि. व ए.शि.) को एक पत्र के ज़रिये जारी कर इस संबंधी ठोस कदम उठाने के लिए कहा है। बेशक पंजाब रैगुलेशन आफ फीस अन-एडिड एजुकेशन एक्ट 2016 के सैक्शन 5 के अधीन अन एडिड संस्थाएं फीस निर्धारित करने व फीस में वृद्धि करने में समर्थ हैं परंतु यह वृद्धि निर्धारित समय पर इस एक्ट की धारा 6 (1) के अनुसार किया जा सकेगा। इसके लिए स्कूल के मूलभूत ढांचे के साथ-साथ अंदर काम करते अध्यापकों व अन्य स्टाफ के वेतनों आदि को भी ध्यान में रखा जाए, परंतु फीस में वृद्धि करते समय पिछले वर्ष की फीस के मुकाबले 8 प्र.श. से अधिक वृद्धि करने की रोक है। इसके अलावा फीस में वृद्धि करते समय यह भी ध्यान में रखा जाए कि संस्था मुनाफा में गलत न हो और कोई कम्पीटीशिन फीस भी न लगाई जाए। यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि स्कूल में ली जाने वाली फीसों संबंधी स्कूल की सीमा में प्रिंट लगाए जाएं व फीस लेते समय अभिभावकों को रसीद भी दी जाए। पंजाबी न पढ़ाने वाले स्कूलों की मान्यता की जाएगी रद्द : इसी दौरान सहायक डायरैक्टर (प्रा.ए.स.) ने समूह ज़िलों के ज़िला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर राज्य के समूह निजी स्कूलों पंजाब एक्ट 2008 के अनुसार पहली कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक पंजाबी विषय को अनिवार्य तौर पर पढ़ाना सुनिश्चित बनाने की हिदायत की है। उन्होंने कहा कि यदि कोई स्कूल इसका उल्लंघन करेगा तो उसे जुर्माना करने के साथ-साथ उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।