...तो अब ई.टी.टी. अध्यापकों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू

अमृतसर, 15 फरवरी (सुरिन्द्रपाल सिंह वरपाल): शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापकों का वेतन घटाने के बाद अब 2016 में भर्ती किए गए 2005 ई.टी.टी. अध्यापकों में से बी.सी. कैटागरी से संबंधित 18 अध्यापकों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिस संबंध में विभाग के डिप्टी डायरैक्टर ने ज़िला शिक्षा अधिकारियों (अ) को पत्र जारी करते हुए उक्त अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस भेजने का आदेश दिया है। उक्त ई.टी.टी. अध्यापक अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर और गुरदासपुर ज़िलों से संबंधित हैं। विभाग के अनुसार 30 जुलाई 2016 को 2005 ई.टी.टी. अध्यापकों के पदों की भर्ती करने के लिए विज्ञापन दिया गया था और इस विज्ञापन के अनुसार बी.सी. कैटागरी की बनते पदों से अधिक अध्यापकों की भर्ती हो गई थी, जिसके लिए अधिक भर्ती हुए 18 ई.टी.टी. अध्यापकों की सेवाएं योग्य विधी अपनाकर समाप्त की जा रही हैं। इसमें मुक्ता देवी, सनोज कुमार, वीरपाल कौर, रमनदीप कौर, नरिन्द्र कौर, अंजू बाला, प्रभदीप कौर, प्रियंका देवी, प्रियंका राणी, मुहम्मद अमजद, मनीश राणी, वशूदा गोस्वामी, हरप्रीत कौर, गगनदीप, गगनदीप कौर, मनदीप कौर, कुलवीर कौर, गगनदीप कौर के नाम शामिल हैं। इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा करते डी.टी.एफ. के प्रधान अश्वनी अवस्थी ने कहा कि उक्त ई.टी.टी. अध्यापक 2 साल के अपने जांच काल के बाद अब नियमित सेवाएं निभा रहे हैं। ऐसे में अध्यापकों को नोटिस जारी करना ही गैरकानूनी है, क्योंकि माननीय सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार तय पदों की की गई भर्ती में 10 प्रतिशत कम और 10 प्रतिशत अधिक का प्रावधान है जिसके लिए इन उक्त नियमों के अनुसार राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई भर्ती में उक्त अध्यापकों का क्या कसूर है। यदि सज़ा देनी बनती है तो भर्ती करने वाली विभागीय कमेटी को देनी चाहिए। इस संबंधी शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी के साथ बात की तो उन्होंने जारी हुए इस पत्र के संबंध में अज्ञानता प्रकट करते हुए कहा कि किसी भी अध्यापक को नौकरी से निकाला नहीं जाएगा।