लंदन की सबसे प्रसिद्ध घड़ी बिग बेन

इंग्लैंड की राजधानी लंदन एक ऐसा शहर है जहां दुनियाभर से सबसे ज्यादा लोग आते हैं। अपने आलीशान इतिहास से लेकर मॉर्डर्न परंपरा और फैशन से लेकर खाने-पीने तक लंदन की हर चीज आपको अपनी ओर आकर्षित करती है। इन्हीं में से एक स्थल है बिग बेन क्लॉक टावर। लंदन आने वाले पर्यटक इस अनोखे और निराले घंटाघर को देखना नहीं भूलते। बिग बेन लंदन में प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है। इंग्लैंड की राजधानी लंदन की शान माने जाने वाली बिग बेन घड़ी दुनिया की सबसे मशहूर घड़ी है। भारत में ऐसी इमारत को हम घंटाघर के रूप में भी जानते हैं। बिग बेन ब्रितानी संसद वेस्टमिंस्टर के एलिज़ाबेथ टॉवर में लगी है।  बिग बेन में एक नहीं बल्कि चारों दिशाओं में घड़ियां हैं। इस टावर के अंदर 13.3 टन का विशालकाय घंटा है। तीन इंजीनियर 154 साल पुरानी इस विशालकाय घड़ी का रख-रखाव करते हैं।  दुनियां में लंदन की एक पहचान बनी बिग बेन का इतिहास बहुत दिलचस्प है। 1834 में भीषण आग में इंग्लैंड की संसद की इमारत वेस्टमिन्स्टर महल का ज्यादातर हिस्सा स्वाहा हो गया था। इसे फि र बनाने का फैसला हुआ तो तय किया गया कि नए संसद भवन में एक विशाल टावर और एक घड़ी भी होनी चाहिए। काफी चर्चा और अवरोध के बाद 31 मई 1859 में पहली बार बिग बेन की शुरुआत हुई । विशाल घड़ी का चेहरा लगभग 25 फीट का एक व्यास है जो 7.5 मीटर है। घंटे की सुई की लंबाई 9 फुट या 2.7 मीटर है जबकि मिनट की सुई की लम्बाई 14 फुट या 4.25 मीटर है। इसका वजन साढ़े पंद्रह टन है। डायल साढ़े बारह फुट का और सुई की लम्बाई ग्यारह फीट है। जिस मीनार में यह घंटा स्थापित है उसकी ऊंचाई 320 फुट है। लंदन के लोग आम तौर पर इसी की आवाज से अपनी घड़ियों के समय सही करते रहे हैं। टावर में कोई लिफ्ट नहीं है इसलिए ऊपर  जाने के लिए  334 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। क्वीन विक्टोरिया के शासनकाल में पत्रकार इस टावर को सेंट स्टींफस टावर कहते थे।  इस टॉवर का डिजाइन आर्किटेक्ट चार्ल्स बैरी और आगस्टस वेल्बी पुगिन ने तैयार किया था और इसे बनाने में 13 वर्ष का समय लगा था। 2012 में क्वीन एलिज़ाबेथ के सम्मान में इसका नाम एलिज़ाबेथ टावर रख दिया गया था।

—बाल मुकुन्द ओझा
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