अपनी खूबियों को बनाइए, अपना चमकदार रोज़गार

इसमें कोई दो राय नहीं कि आज की तारीख में रोजगार देश की सबसे बड़ी समस्या है। लीकेज-गैर लीकेज जैसे मुद्दों और किस्सों को छोड़ भी दें तो बेरोजगारी की समस्या हमारे इर्द-गिर्द ठोस रूप में दिखती है। लेकिन यह बात भी सही है कि रोजगार की समस्या इसलिए भी भयावह है क्योंकि हमने बाकी तमाम क्षेत्रों में भले कल्पनाशीलता और रचनात्मकता का परिचय दिया हो,मगर रोजगार को लेकर हम आज भी आमतौर पर लकीर के फकीर बने रहते हैं। यही वजह है कि मुट्ठी भर रोजगार क्षेत्रों में ही हमारे तमाम नौजवान जाना चाहते हैं। हर कोई डॉक्टर और इंजीनियर बनना चाहता है। इसलिए भी हमारे यहां बेरोजगारी की समस्या बहुत बढ़ी है। अगर हमारे नौजवान अपनी खूबियों यानी अपनी सॉफ्ट स्किल को एक रोजगार क्षेत्र के रूप में विकसित करें तो कहना नहीं होगा कि बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हो सकता है। वास्तव में सॉफ्ट स्किल बहुत व्यापक क्षेत्र है। इसमें हमारे वे तमाम कौशल शामिल होते हैं जिन्हें हम सम्प्रेषण, श्रवण, नेतृत्व, सृजन तर्कसम्मति, समस्या निवारण जैसी कुशलता कहते हैं। सॉफ्ट स्किल वास्तव में हमारी अर्जित कुशलता या कौशल होते हैं। आमतौर पर इन्हें इंसान स्वयं सीखता है। इनके सीखने की शुरुआत आम तौर पर किसी किताब से नहीं होती, हां, बाद में इन्हें किताबों या दूसरे माध्यमों से निखारा जरूर जा सकता है यानी इनका औपचारिक प्रशिक्षण लिया-दिया जा सकता है। ये प्रशिक्षण निश्चित रूप से आपकी कुशलता में और वृद्धि करते हैं। आइये जानें कौन-कौन से सॉफ्ट स्किल हैं जो हमें भरपूर रोजगार दे सकते हैं। सम्प्रेषण कौशल : प्रभावी सम्प्रेषण हमेशा से एक कौशल रहा है और हर जगह बहुत काम आता है। प्रभावी सम्प्रेषण में शामिल है- प्रभावशाली ढंग से  भाषण देने की कला, किसी प्रोजेक्ट को प्रभावशाली ढंग से पेश करना, प्रभावी विचार-विमर्श, प्रभावी ढंग से  विरोध दर्ज करना तथा और भी ऐसी ही कई अभिव्यक्तियां। समस्या का प्रभावी समाधान, ज्ञान-बांटना आदि के लिए मौखिक कौशल, रिपोर्टें, प्रस्ताव, अनुदेश मैनुअल तैयार करना, ज्ञापन, सूचनाएं लिखना, कार्यालयी पत्र-व्यवहार आदि को प्रभावशाली तरीके से अंजाम देना। ये तमाम कौशल इसमें शामिल हैं। चूंकि यह सच्चाई है कि इस तरह का ज्यादतर प्रभावी सम्प्रेषण कौशल अंग्रेजी में ही बिकाऊ है इसलिए यह  दक्षता अंग्रेजी में  हो तो सोने में सुहागा। लेकिन हिन्दी या दूसरी भारतीय भाषाओं में भी इसकी मांग है। यह कौशल आपको शुरुआत से ही 25-30,000 रुपए मासिक की गारंटी दे सकता है। व्यक्तिगत कौशल : वे कौशल होते हैं जो आपको न केवल समाज और कार्य क्षेत्र में स्वीकार्य तथा सम्मान योग्य बनाते हैं बल्कि एक अच्छा रोजगार प्राप्त करने और बेहतर करियर विकास में आपकी मदद करते हैं। इनमें निर्णय करने की योग्यता, चौकसी, निश्चयात्मकता, शांति, वचनबद्धता, सहयोग। भावुक स्थिरता, लचीलापन, उदारता, सहनशीलता, आत्म-विश्वास, आत्म-नियंत्रण, आत्म-निर्भरता तथा आत्म-सम्मान व ईमानदारी जैसे गुण या कौशल शामिल होते हैं। सवाल है इसमें नौकरी क्या मिलेगी? इसमें प्रबंधन संभालने के लिए तैयार हो रहे मानव संसाधन को प्रशिक्षित करने की नौकरी मिलती है। शुरुआती सेलरी कम से कम 30,000 रुपए महीने। सल्यूशन मेकर  : जब हम किसी संगठन में कार्य करते हैं। ऐसी दबावपूर्ण स्थितियों का मुकाबला करने के वास्ते आपको कुछेक ऐसे कौशल विकसित करने की आवश्यकता होती है जो आपको निर्णय लेने, सृजनात्मक एवं अन्वेषणात्मक समाधान ढूंढने, व्यवहारिक हल निकालने, समस्याओं का स्वतंत्र रूप में पता लगाने और उनको हल करने और विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं के निदान में कार्य-नीतियां लागू करने में मददगार हो। शिक्षण का कौशल : हाल में सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षकों के लिए शिक्षण कार्य भी एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है क्योंकि सभी इंजीनियरिंग और प्रबंध संस्थानों में तकनीकी कौशल एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल होता है। वहां पर छात्रों को साक्षात्कार और समूह चर्चा में बेहतर प्रदर्शन के लिए अपेक्षित अन्य वैयक्तिक कौशलों के साथ-साथ प्लेसमेंट और सम्प्रेषण कौशलों के लिए प्रशिक्षित और तैयार किया जाता है। चूंकि किसी संस्थान का विकास पूर्णत: उसके छात्रों की रोजगार प्लेसमेंट पर निर्भर करता है।

—नरेन्द्र कुमार