पेट का फूलना एक आम समस्या


पेट फूलने की समस्या से सभी को कभी न कभी जूझना पड़ता है। इससे पेट टाइट और फूला-फूला लगता है। जैसे गुब्बारे में गैस भरने पर गुब्बारा टाइट हो जाता है उसी प्रकार पेट की स्थिति होती है। ऐसा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट में गैस भरने के कारण होता है। इसे ब्लोटिंग कहा जाता है।
कारण 
-कब्ज, फूड एनर्जी इत्यादि कारणों से पेट फूल जाता है। ऐसे में मल बड़ी आंत में इकट्ठा हो जाता है जिससे ब्लोटिंग और बेचैनी की समस्या होने लगती है। इस स्थिति में पेट में ज्यादा गैस इकट्ठी हो जाती है।
- दूसरा कारण खान-पान की गलत आदतों से यह समस्या होती है। जो लोग सॉफ्ट ड्रिंक्स, चाय-काफी का ज्यादा सेवन करते हैं उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ता है। ज्यादा नमक और मीठा खाने से भी समस्या होती है। वॉटर रिटेंयशन और हार्मोंन संबंधी बदलाव भी इस समस्या का कारण है।
क्या करें
पेट की मालिश करें। पेट की मालिश से आंतों में सक्रियता बढ़ती है ऐसा करने से बड़ी आंत को राहत मिलती है। मालिश हल्के हाथों से दबाव देते हुए करें। दाईं हिप बोन के ठीक ऊपर हाथ रखकर हल्का दबाव देते हुए गोल गोल घुमाएं।
* गैस की समस्या होने पर थोड़ा टहलें ताकि चलने से आंतों पर प्रभाव पड़े और वह सक्रिय हो सकें। गैस में तुरंत आराम मिलेगा। अधिकतर लोग निष्क्रिय जीवनशैली बिताते हैं। सक्रिय रहकर आप अपनी आंतों को भी सक्रिय कर सकते हैं और समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। 
व्यायाम और योगासन करें
नियमित रूप से व्यायाम आपको सक्रिय रखता है। ऐसे लोग ब्लोटिंग का शिकार कम होते हैं। कुछ ऐसे योगासन हैं जो पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालते हैं जिससे अतिरिक्त गैस आसानी से बाहर निकलती है और पेट में हल्कापन महसूस होता है। नियमित व्यायाम और योगासन करने से आप इस समस्या पर काबू पा सकते हैं।
* खाना नियमित समय पर सीमित मात्रा में खाएं। अधिक खाना खाने पर भी पेट फूलता है क्योंकि हमारे पाचन तंत्र पर अधिक भार पड़ता है। जल्दी जल्दी खाने से, स्ट्रा से पानी पीने से भी पेट फूलता है। नियमित अंतराल में आराम आराम से खाना चबा चबा कर खाएं। खाने के बीच में पानी न पिएं। 
नाश्ते में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं 
आवश्यकता से अधिक फाइबर भी पेट पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, इसलिए सीमित मात्रा में फाइबर लें और धीरे धीरे मात्रा बढ़ाएं ताकि पेट उसे एडजस्ट कर सके।  इसके अतिरिक्त दही का सेवन करें। दही में गुड प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट को शांत रखते हैं। प्रोबायोटिक्स के सेवन से पेट में गैस पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 
सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पेट में गैस ज्यादा बनाते हैं। इनका सेवन न करें। इनमें मौजूद आर्टिफिशियल स्वीटनर पेट को फुलाता है। च्यूइंगम का सेवन करने से भी पेट फूलता है और गैस की समस्या होती है क्योंकि उसमें मौजूद शक्कर नुक्सान पहुंचाती है। 
(स्वास्थ्य दर्पण)