बेअदबी मामला : आई.जी उमरानंगल चार दिन के पुलिस रिमांड पर

फरीदकोट, 19 फरवरी (अ.स.): श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामलों के पश्चात् अक्तूबर 2015 में फरीदकोट के गाँव बहबल कलां व कोटकपूरा चौक में शांतिपूर्वक धरना दे रही सिख संगत पर गोलियां चलाने के आरोपों में कोटकपूरा में दर्ज मामलाें में विशेष जाँच टीम (एसआईटी) द्वारा गिरफ्तार किए गए पंजाब के आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल को आज यहां डियुटी मैजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत द्वारा उसे 23 फरवरी तक चार दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा गया। एसआईटी द्वारा उमरानंगल पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूछताछ के लिए दस दिन का पुलिस रिमांड मांगा था। दो घंटे चली बहस के पश्चात अदालत ने आई.जी. उमरानंगल को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। पुलिस रिमांड की दरखास्त पर बहस करते हुए विशेष जाँच टीम व सरकारी पक्ष के वकीलों ने कहा कि उमरानंगल ने प्राथमिक जाँच दौरान माना कि उसे गोली चलाने का आदेश डी.जी.पी. पंजाब द्वारा दिए गए थे और वह इस तथ्य की जाँच कर रहे हैं कि डी.जी.पी. ने कौन से हालातों में आई.जी. को गोली चलाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने दावा किया कि कोटकपूरा में बिना किसी कारण गोलियां चला कर दर्जनों लोगाें को घायल किया गया था व बाद में पुलिस ने इस पर कथित तौर पर फज़र्ी मामला दर्ज कर लिया। सरकार ने अदालत में दावा किया कि असली आरोपियों तक पहुँचने के लिए 2018 में इरादा कत्ल व हथियार का अवैध तौर पर प्रयोग का मामला दर्ज किया गया था व इस मामले की जाँच के पश्चात् ही उपरानंगल को गिफ्तार किया गया है। दूसरी ओर उमरानंगल के वकीलों ने दावा किया कि घटना के तीन वर्ष पश्चात् मामला दर्ज किया गया है और उस मामले में उपरानंगल का नाम तक शामिल नहीं है। अदालत से बाहर आकर उमरानंगल द्वारा पेश हुए वकील गुरसाहिब सिंह बराड़ ने आरोप लगाया कि जाँच टीम द्वारा की जा रही जाँच पूरी राजनीति से प्रभावित है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए सरकार द्वारा उमरानंगल को आरोपी ठहराया जा रहा है।