महिला क्रिकेट टीम की ‘रन मशीन’ स्मृति मंधाना

भारतीय महिला क्रिकेट टीम गत दिनों न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज भले ही हार गई लेकिन सीरीज में अपने शानदार प्रदर्शन के जरिये भारतीय महिला टीम की बाएं हाथ की ओपनिंग बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना ने ऐसा कमाल किया कि वह आईसीसी टी-20 रैंकिंग में लंबी छलांग लगाते हुए चार पायदान चढ़कर छठे स्थान पर पहुंच गई। भारत को तीन मैचों की इस सीरीज में न्यूज़ीलैंड ने 3-0 से हराया था और इस सीरीज में स्मृति ने कुल 180 रन बटोरे थे। इससे पहले न्यूज़ीलैंड के खिलाफ  खेली गई तीन वनडे मैचों की सीरीज में भी स्मृति ताबड़-तोड़ रन बनाते हुए वर्ल्ड रैंकिंग में तीन पायदान की ऊंची छलांग लगाते हुए पहले पायदान पर पहुंचकर वनडे क्रिकेट में दुनिया की नंबर वन बल्लेबाज़ बन चुकी हैं। स्मृति ने इस सीरीज में एक शतक और नाबाद 90 रनों की शानदार पारी खेली थी। 751 रेटिंग प्वाइंट्स के साथ स्मृति पहले पायदान पर जबकि आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ एलिस पेरी 681 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर हैं। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इस सीरीज में मंधाना ने अपने वनडे कैरियर का चौथा शतक जड़ा था। तीन वनडे मैचों की इस सीरीज के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ  द सीरीज’ भी चुना गया। स्मृति ने एक वनडे में शतक और दूसरे में नाबाद अर्धशतक जड़ा था तथा 90 और 105 रनों की शानदार पारियां खेली थीं। वर्ष 2018 की शुरुआत से ही वह वनडे क्रिकेट में कमाल का प्रदर्शन कर रही हैं। तब से अब तक वह 15 वनडे मैचों में दो शतक और आठ अर्धशतक लगा चुकी हैं।न्यूज़ीलैंड के खिलाफ  खेली गई टी-20 सीरीज में भारतीय महिला टीम की हार के बावजूद स्मृति इस सीरीज में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक नया रिकॉर्ड बनाने में भी सफल हुई। सीरीज के एक मैच में उन्होंने 34 गेंदों पर सात चौके और तीन छक्के लगाए और मैच में भारत के लिए सर्वाधिक 58 रन बनाने के साथ ही वह भारत की ओर से टी-20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाली खिलाड़ी बन गईं। स्मृति ने टी-20 सीरीज के पहले ही मैच में 24 गेंदों पर अर्धशतक लगाकर 25 मार्च 2018 को मुम्बई में इंग्लैंड के खिलाफ  25 गेंदों पर अर्धशतक लगाने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। महिला टी-20 क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक जड़ने वाली भारतीय क्रिकेटरों में स्मृति के बाद हरमनप्रीत कौर का नाम आता है, जिन्होंने 2018 में श्रीलंका के खिलाफ 29 गेंदों में अर्धशतक लगाया था। उससे पहले 2018 में स्मृति ने ही आस्ट्रेलिया के खिलाफ  30 गेंदों पर और वर्ल्ड कप में आस्ट्रेलिया के ही खिलाफ  31 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा था। हालांकि महिला टी-20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड की सोफी डिवाइन के नाम है, जिन्होंने 2005 में भारत के खिलाफ   बेंगलुरू में 18 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा था। सोफी के बाद 21 गेंदों पर अर्धशतक के साथ यह रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया की एलिसा हिली के नाम दर्ज है।भारत के क्रिकेट इतिहास में पहली बार एक पुरुष और एक महिला खिलाड़ी ने एक साथ आईसीसी के सबसे बड़े अवॉर्ड्स पर भी कब्जा किया है। स्मृति को गत वर्ष उनके निरन्तर शानदार प्रदर्शन के लिए आईसीसी के दो अवॉर्ड्स के लिए चुना गया है। उन्हें आईसीसी द्वारा ‘वर्ष की महिला क्रिकेटर’ और ‘वर्ष की महिला वनडे प्लेयर’ अवार्ड के लिए चुना गया। वह आईसीसी अवार्ड जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। उनसे पहले 2007 में तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को ‘आईसीसी वुमन प्लेयर ऑफ  द ईयर’ चुना गया था। स्मृति ने 2018 में 12 वनडे मैचों में 66.90 के औसत से 669 रन तथा 25 टी-20 मैचों में 130.67 के स्ट्राइक रेट से 622 रन बनाए थे। 2018 में वेस्टइंडीज में महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान भी उन्होंने पांच मैचों में 125.35 के स्ट्राइक रेट से 178 रन बनाकर अपने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था। 18 जुलाई 1996 को महाराष्ट्र के मुम्बई में जन्मी स्मृति को भारतीय महिला टीम में ‘रन मशीन’ के नाम से भी जाना जाता है। उनकी रन बटोरने की अद्भुत काबिलियत के चलते उन्हें ‘महिला क्रिकेट टीम का विराट कोहली’ भी कहा जाता है। पिछले दिनों जब एक प्रशंसक ने स्मृति की तारीफ  करते हुए एक ट्वीट किया, ‘शी इज द फीमेल वर्जन ऑफ  वीरेन्द्र सहवाग’ तो सहवाग ने री-ट्वीट करते हुए लिखा, ‘शी इज फर्स्ट वर्जन ऑफ  स्मृति मंधाना एंड शी इज वैरी स्पेशल।’ स्मृति जब दो साल की थी, तभी उनका परिवार महाराष्ट्र के सांगली में स्थानांतरित हो गया था। नौ साल की आयु में उन्हें महाराष्ट्र अंडर-15 की टीम में चुन लिया गया था और 11 साल की आयु में महाराष्ट्र अंडर-19 की टीम में भी उनका चयन हो गया था। वह सबसे पहले सुर्खियों में अक्तूबर 2013 में उस समय आई, जब वेस्ट जोन अंडर-19 टीम में महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए उन्होंने गुजरात के खिलाफ वडोदरा में अल्मबिक क्रिकेट ग्राउंड में वन-डे मैच में डबल शतक लगाते हुए महज 150 गेंदों में 224 रनों की विशाल पारी खेली। 2016 में अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए वह इस टूर्नामेंट में टॉप स्कोरर रही। स्मृति ने 2017 के महिला क्रिकेट विश्व कप में दो शतक भी लगाए थे। स्मृति ने 5 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ  टी-20 डेब्यू, 10 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ  वनडे डेब्यू और 13 अगस्त 2014 को इंग्लैंड के खिलाफ  टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच वर्मस्ली पार्क में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और अपनी दो पारियों में 22 और 51 रन बनाकर वह अपनी टीम को मैच जिताने में सहायक बनी थी। 2016 में भारत के आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान होबार्ट में बेलरिवे ओवल के दूसरे वनडे मैच में उन्होंने 109 गेंदों पर 102 रन बनाते हुए अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक बनाया था। 2016 में आईसीसी महिला टीम में शामिल होने वाली वह एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी भी रही। हरमनप्रीत कौर के साथ स्मृति को ‘वूमेंस बिग बैश लीग’ (डब्ल्यूबीबीएल) में भी जगह मिली। ये दोनों भारत की पहली दो ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्हें इस लीग के लिए साइन किया गया। हालांकि घुटने में चोट के चलते स्मृति को यह लीग बीच में ही छोड़नी पड़ी थी। चोट से उबरने के बाद आईसीसी वर्ल्ड कप-2017 में मैदान में उतरकर स्मृति ने ऐसी धुआंधार बल्लेबाज़ी की कि सब एकटक उनका प्रदर्शन देखते ही रह गए। तब स्मृति की 90 रनों की धुआंधार पारी की बदौलत इंग्लैंड को पराजय का मुंह देखना पड़ा था। उसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ  नाबाद 106 रनों की पारी खेलकर स्मृति ने साबित कर दिखाया कि आने वाले समय में वह भारतीय महिला टीम की कितनी विस्फोटक बल्लेबाज़ बनने वाली है और उनके लगातार सामने आए इस बेहतरीन प्रदर्शन के कारण ही उन्हें अब महिला टीम की ‘रन मशीन’ कहा जाता है।

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