पंजाब बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल मनमर्जी से नहीं लगा सकेंगे किताबें

वरसोला, 21 फरवरी (वरिन्दर सहोता) : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में अब स्कूल प्रबंधक अपनी मनमर्जी के साथ किसी प्राईवेट पब्लिशर की किताबें नहीं लगा सकेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को सख्त निर्देश  जारी किये हैं और इस बात के लिए पाबंद किया है कि वह किताबें सिर्फ बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के द्वारा अपने-अपने ज़िले में खुले बुक डीपुओ से लें यहां तक कि करीब सभी ही बुक डीपुओ में किताबें पहुंच भी गई हैं। इसके साथ ही विभाग की ओर से अपनी जगह न होने के कारण बंद किये हुए चार डीपुओ गुरदासपुर, तरनतारन, फिरोजपुर और लुधियाना को भी फिर बहाल कर दिया है। इसके लिए किराये पर स्टोर लेने के लिए संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं और शीघ्र ही इन डीपुओ में भी किताबें भेजी जाएंगी। यह भी जानकारी मिली है कि शिक्षा विभाग के डीपू लम्बे समय से घाटे में चल रहे हैं। जबकि दूसरी ओर निजी स्कूलों वाले प्राइवेट पब्लिशरों के साथ मिलीभुगत करके अपनी मनमजरी के साथ ही अपने स्कूलों में किताबें लगवा कर अभिभावकों की लूट कर रहे थे। इस संबंध में बातचीत करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि विभाग इस संबंधी सख्त है और इस बारे निजी स्कूलों को अवगत  करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले सैक्षणिक सत्र के दौरान पंजाब बोर्ड से मान्यता लेने वाले किसी भी निजी स्कूल को प्राईवेट पब्लिशरों की किताबें लगाने की इजाजत नहीं होगी। नर्सरी और के.जी. सैक्शन चलाने वाले स्कूल परेशान : दूसरी ओर विभाग के इस आदेश के बाद वह स्कूल प्रबंधक परेशान हैं जो अपने स्कूलों में नर्सरी और के.जी. सैक्शन चलाते हैं। उनका कहना है कि बोर्ड द्वारा उनको पहली कक्षा से किताबें प्रदान करवाई जा रही हैं, जिनमें पहली कक्षा का सिलेबस मूलभूत स्तर का है, जबकि उनके स्कूलों में यह सिलेबस नर्सरी और के.जी. में ही करवा दिया जाता है। विशेष कर अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूल प्रबंधक इसका समाधान तलाशने का प्रयास।