रेत खड्डों की नीलामी के 37 करोड़ ठेकेदारों को वापस देने का आदेश

चंडीगढ़, 25 फरवरी (सुरजीत सिंह सत्ती): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जालन्धर की सात रेत खड्डों की नीलामी के दो वर्ष पहले ठेकेदारों से लिए 37 करोड़ रुपए वापस लौटाने के निर्देश दिये हैं। कुछ ठेकेदारों ने याचिकाएं दाखिल करके आरोप लगाया था कि उन्होंने रेत की खड्डों की अधिक बोली लगाकर नीलामी अपने नाम करवाई परंतु माइनिंग शुरू नहीं कर सके, क्योंकि स्टेट इन्वायरमैंट इम्पैक्ट असैस्मैंट अथारिटी द्वारा उनके नाम इन्वायरमैंट क्लीयरैंस इसलिए तबदील नहीं की गई क्योंकि सरकार ने इन्वायरमैंट क्लीयरेंस कथित तौर पर गलत निशानदेही पर ली थी। नीलामी वाली खड्डों में बाढ़ रोधक बांध व डैम आते थे और अथारिटी ने इन्वायरमैंट क्लीयरैंस वापस प्रदेश सरकार के नाम कर दी।  इसे प्रदेश सरकार ने अपील अथारिटी व एनजीटी के पास चुनौती दी परंतु सरकार हार गई। ठेकेदारों द्वारा पैरवी करते हुए एडवोकेट गुरमिंदर सिंह व आर.पी.एस. बाड़ा ने बैंच को ध्यान दिलाया कि सरकार की नीति भी बदल चुकी है और इन्वायरमैंट क्लीयरैंस न मिलने के कारण माइनिंग शुरू नहीं की जा सकी, लिहाज़ा राशि वापस करवाई जानी चाहिए। सरकार ने कहा कि एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया हुआ है और यदि ठेकेदारों को राशि वापस देने का फैसला लिया जाता है तो उनसे इतनी ही गारंटी ली जाए। बैंच ने कुछ और गारंटी मांगी परंतु सरकार नहीं दे सकी तथा आखिर बैंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी होने के तथ्य के हवाले से ठेकेदारों की राशि नहीं रोकी जा सकती, लिहाज़ा चार सप्ताह में राशि वापिस की जाए।