अब लाइलाज नहीं एड़ी का दर्द


चालीस साल से अधिक उम्र वाली मोटी महिलाओं में एड़ी दर्द का कारण एड़ी की तंतुओं का क्षतिग्रस्त होना है। एड़ी की हड्डी के तले में चर्बी की गद्दी होती है। इसमें कड़े फाइबर्स तंतुओं के बीच में लचीली चर्बी भरी होती है। उम्र बढ़ने पर पूरे शरीर के तंतुओं के साथ-साथ एड़ी की चर्बी की गद्दी भी धीरे-धीरे क्षीण होने लगती है। धीरे-धीरे एड़ी के फाइबर्स तंतु फटने लगते हैं और चर्बी मुक्त होने लगती है जिससे शरीर का पूरा भार सीधे एड़ी की हड्डी पर पड़ने लगता है और एड़ी में दर्द होने लगता है। एड़ी की चर्बी एड़ी की हड्डी के फ्रैक्चर के कारण भी फट सकती है जिससे एड़ी में दर्द शुरू हो जाता है लेकिन फ्रैक्चर जुड़ने के बाद भी एड़ी दर्द की शिकायत बनी रह सकती है।
एड़ी दर्द को सक्रिय जीवन में बाधा नहीं बनने देने तथा उसे बेकाबू होने से रोकने के लिए सही समय पर उपचार आरंभ कराना आवश्यक है। इसका शीघ्र इलाज शुरू हो जाने पर इस समस्या से पूर्ण छुटकारा पाना संभव है। इलाज शुरू करने से पहले एड़ी दर्द के कारण का पता लगाकर उस कारण को दूर किया जाता है। मिसाल के तौर पर अगर कोई व्यक्ति गठिया के कारण एड़ी दर्द से ग्रस्त है तब गठिया का इलाज करने से एड़ी दर्द दूर हो जाता है।
फिजियोथेरेपी के तहत मरीज की गर्म और ठंडे पानी से सिंकाई की जाती है। मरीज की प्रतिदिन तीन-चार बार गर्म पानी से और फिर एक मिनट ठंडे पानी से सिंकाई की जाती है। इसके अलावा गर्म मोम से सिंकाई की जाती है। एड़ी दर्द में शार्ट वेव डाइथर्मी, अल्ट्रासोनिक थेरेपी और स्ट्रेंथनिंग तथा मोबिलाइजिंग व्यायाम का सहारा लिया जाता है।
मरीज को एड़ी दर्द से छुटकारा पाने के लिये खान-पान का भी परहेज रखना चाहिए। उसे वसा रहित भोजन लेना चाहिये। अधिक तले हुये और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। इसके अलावा अधिक चीनी वाले खाद्य सामग्रियों से भी परहेज करना चाहिये।
घरेलू उपायों और खान-पान की सावधानियों के बावजूद एड़ी दर्द से आराम नहीं मिलने पर और दर्द के गंभीर हो जाने के कारण सुबह जागने पर जोड़ों में जकड़न महसूस हो तो मरीज को तत्काल अस्थि चिकित्सक से संपर्क करना चाहिये। इसके आरंभिक उपचार के तौर पर दर्द निवारक दवाइयां दी जाती हैं।
इसके बावजूद आराम नहीं मिलने पर एड़ी में दर्द वाले स्थान पर स्टेरॉयड के इंजेक्शन दिये जाते हैं। इससे रोगी को पूर्ण आराम मिलता है। कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की मदद लेनी पड़ सकती है।
एड़ी दर्द से बचने हेतु कुछ घरेलू उपचार
* एड़ी में दर्द निवारक मलहम लगायें।
* एड़ी में चोट लगने पर तुरंत दस मिनट तक बर्फ की मालिश करें।
* एड़ी और पंजों के जोड़ों तथा मांसपेशियों की कसरत करें।
* प्रतिदिन नमकयुक्त गर्म पानी में तीन-चार बार पैर चलायें।
* एड़ी की साधारण तेल से मालिश करें।
* घर में इस्तेमाल करने वाले चप्पलों और जूतों के एड़ी वाले भाग पर स्पंज का प्रयोग करें।
* किसी ऊंचे स्थान पर बैठकर पैर लटकाकर पंजे को गोल-गोल घुमाते हुये दस-पन्द्रह बार चलायें।
* पैर की उंगलियों को पहले अपनी तरफ खींचें और फिर बाहर की तरफ खींचें।
—अशोक गुप्त