शरीर का तापमान

इन दिनों मौसम नर्म-गर्म चल रहा है। हम तड़के तथा रात्रि के समय ठंड महसूस कर रहे हैं, जबकि दोपहर में गर्मी महसूस करते हैं। यहां एक बात गौर करने लायक है कि तापमान चाहे जो भी हो, हमारे शरीर का तापमान स्थिर रहता है। मनुष्य, स्तनधारी जीव, पक्षी के शरीर का तापमान वातावरण के तापमान से अप्रभावित रहता है। उन्हें हम ‘होमियोथेर्मिक’ की श्रेणी में रखते हैं। ये वार्म ब्लडेड एनिमल भी कहलाते हैं। लेकिन कुछ जानवर ऐसे भी होते हैं, जिनके शरीर का तापमान वातावरण के तापमान के अनुसार परिवर्तित होता रहता है। ऐसे जानवरों को ‘पायकिलोथेर्मिक’ कहा जाता है। इस श्रेणी के अंतर्गत कीड़े, मकोड़े, सांप, छिपकली, कछुए, मेंढक, मछली आदि आते हैं। इनके शरीर का तापमान वातावरण के तापमान से थोड़ा कम रहता है। इन्हें कोल्ड ब्लडेड एनिमल कहा जाता है।हर जानवर के शरीर का तापमान भी अलग-अलग होता है। जहां हाथी जैसे विशाल जानवर के शरीर का तापमान 96 डिग्री होता है, वहीं नन्ही सी चिड़ियां का तापमान 109 डिग्री होता है। 96 से 100 डिग्री की श्रेणी में मनुष्य, बंदर, गधा, घोड़ा, चूहा, हाथी आते हैं। 100 से 103 डिग्री की श्रेणी में भेड़, कुत्ता, बिल्ली, खरगोश, सुअर आदि आते हैं। 104 से 106 डिग्री की श्रेणी में टर्की, बत्तख, उल्लू आदि आते हैं। 107 से 109 डिग्री की श्रेणी में कबूतर एवं कई प्रकार के छोटे पक्षी, चिड़ियां आदि आते हैं। सामान्यत: एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर  का तापमान 98.6 डिग्री फ्रानहाई होता है। लेकिन इस तापमान में भी बहुत ही फेरबदल सामान्यत: होते रहते हैं, जैसे मनुष्य के शरीर का तापमान सुबह 4 बजे सबसे कम होता है। शरीर की चमड़ी का तापमान आंतरिक तापमान से कम होता है। भोजन करने के बाद शरीर का तापमान एक-दो घंटे के लिए बढ़ जाता है। शारीरिक परिश्रम के बाद भी तापमान बढ़ जाता है।