तीन सिख नौजवानों को उम्रकैद का मामला : सिख व वामदल संगठनों की संयुक्त कान्फ्रैंस चंडीगढ़ में 6 को

जालन्धर, 1 मार्च (मेजर सिंह): तीन सिख नौजवानों को महज़ पुस्तकाें, पोस्टर रखने के आरोप में सुनाई उम्रकैद की सज़ा रद्द करने व विचारों की आज़ादी की रक्षा के लिए पंजाब में पहली बार सिख संगठन व वामदलों ने मिलकर आवाज़ उठाने के लिए 6 मार्च को चंडीगढ़ में कान्फ्रैंस रखी है। 19 मानवाधिकार व संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे संगठनों का कहना है कि केवल साहित्य रखने या विचारों का प्रकटावा करने के आरोप में सुनाई उम्रकैद की सज़ा ने न्यायपालिका को संदेह के दायरे में ला खड़ा किया है। उनका कहना है कि यह फैसला अल्पसंख्यकों के प्रति कानून के दोहरे मापदंड के साथ-साथ देश के संविधान में दर्ज हर नागरिक को आज़ाद विचार व असहमति रखने व किसी को नुक्सान पहुंचाए बगैर शांतिपूर्ण ढंग से उनका प्रकटावा कर सकने के प्राथमिक लोकतांत्रिक अधिकार पर खुला हमला है। 24 मई, 2016 को बादल सरकार समय तीन सिख नौजवानों पर बब्बर खालसा के प्रमुख बारे छापे पम्फलैट की कापियां रखने व खालिस्तान बारे कान्फ्रैंस की तस्वीरें आदि मिलने व अन्य देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। उस समय इन तीनोें से न कोई हथियार बरामद हुआ था और न ही किसी को नुक्सान पहुंचाए जाने का ही दोष था। उसके उलट बल्कि सज़ा सुनाए जाने के बाद नवांशहर क्षेत्र के नौजवान पर जेल में बैठे के ही हथियार सप्लाई करने का ही मामला दर्ज किया गया है। हैरानी वाली बात यह है कि जिस घटना का बदला लेने के लिए हथियार देने की बात की गई है, वह 2017 में हुई और उससे एक वर्ष पहले यह नौजवान जेल में बंद थे। सी.पी.आई. (एम.एल.) लिब्रेशन के नेता सुखदर्शन नत्त ने बताया कि लुधियाना की बैठक में कमेटी बनाए जाने का फैसला किया था। कमेटी में लिब्रेशन के अलावा पंजाब मानवाधिकार संगठन, लोक संग्राम मंच, अकाली दल (मान), इन्कलाबी केन्द्र, खालड़ा मिशन आर्गेनाइज़ेशन, इन्कलाबी लोक मोर्चा, पंजाब मंच, नौजवान भारत सभा, पंजाब किसान यूनियन, रैवलूशरी सोशलिस्ट पार्टी, आल इंडिया रंगरेटा दल, सिख यूथ फैडरेशन, पंजाब किसान यूनियन, अलाइंस फार सिख यूथ आर्गेनाइजेशन, नारी मंच पंजाब आदि कमेटी में शामिल हैं। उनका कहना है कि कन्वैंशन में अगले कार्यक्रम बारे विचार किया जाएगा।