सरकार के ‘काबू’ नहीं आ रही प्रदेश की ‘अफसरशाही’

चंडीगढ़, 1 मार्च (विक्रमजीत सिंह मान): पंजाब में कांग्रेस की सरकार बने हुए दो वर्ष हो गए हैं परंतु प्रदेश की अफसरशाही पर सरकार की पकड़ अभी भी  ज्यादा मजबूत हुई दिखाई नहीं दे रही। गत दो वर्षों में भी जहां कई कांग्रेसी विधायक अफसरशाही द्वारा उनकी बात न सुनने की शिकायत करते आ रहे हैं वहीं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी खुले मंचों से अफसरशाही को पिछली सरकार के रंग में से बाहर निकलने संबंधी कह चुके हैं। अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें वीआईपी रुतबा न मिलने से परेशान मंत्री ने मुख्यमंत्री के पास शिकायत की है। कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को एक पत्र लिखकर कहा है कि गत 11 फरवरी को जब वह विभाग के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अमृतसर गए तो ज़िले के सिविल व पुलिस प्रशासन ने उनकी परवाह तक नहीं की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अफसरशाही ने प्रोटोकाल की तौहीन की है। उन्होंने बताया कि वह अमृतसर के राजासांसी में अपने विभाग के एक कार्यक्रम में शामिल  होने के लिए पहुंचे थे और सरकार द्वारा तय किए प्रोटोकाल के अनुसार ज़िले के डिप्टी कमिश्नर व पुलिस के एसएसपी दौरा करने वाले मंत्री के साथ तालमेल करते हैं और मंत्री को बनता सम्मान दिया जाना होता है परंतु पुलिस प्रशासन ने मंत्री के लिए एक जूनियर अधिकारी की ड्यूटी लगा दी जोकि प्रोटोकाल की तौहीन है। बताया जा रहा है कि मंत्री के कार्यालय द्वारा मंत्री के दौरे बारे अमृतसर के एक डीएसपी स्तर के अधिकारी के साथ भी सम्पर्क किया गया, परंतु उक्त अधिकारी द्वारा भी किसी व्यस्तता की मजबूरी बता दी गई और किसी जूनियर एसएचओ ड्यूटी लगा दी गई। मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री से की शिकायत में कहा गया कि सिविल प्रशासन द्वारा भी ज़िला डिप्टी कमिश्नर व एसडीएम भी कहीं व्यस्त थे, इसलिए वह पहुंच नहीं सके जिसके चलते उनके साथ एक तहसीलदार की ड्यूटी लगा दी गई कि परंतु उक्त तहसीलदार भी गैरहाज़िर रहे।