लौंग-जावित्री-हल्दी एवं जीरा लुढ़के : सक्करपा-आबजोश-छुहारा उछले

नई दिल्ली, 3 मार्च (एजेंसी): गत सप्ताह किराना बाजार में रुपए की तंगी से लोकल व चालानी मांग पूरी तरह ठप्प पड़ गयी, जिसके चलते आयात पड़ता महंगा होने के बावजूद लौंग, जावित्री में मंदे का दौर बना रहा। जीरा भी नये माल की आवक ढाई गुना हो जाने से 200/300 रुपए प्रति क्विंटल यहां लुढ़क गया। हल्दी में भी 200 रुपए निकल गये। वहीं भारत-पाकिस्तान तनाव से आबजोश, सक्करपारा 1500/2000 रुपए प्रति 40 किलो उछल गये। छुहारे में भी 2000 रुपए प्रति क्विंटल की और तेजी आ गयी। आलोच्य सप्ताह लौंग का आयात पड़ता महंगा होने के बावजूद स्टॉकिस्टों की घबराहटपूर्ण बिकवाली आने से 20 रुपए गिरकर जंजीबार-मैडागास्कर की लौंग 570/580 रुपए प्रति किलो रह गयी। हल्की क्वालिटी का 525 रुपए तक नीचे में व्यापार हुआ, जिसके डंडी की मात्रा अधिक बताई गयी। इसके अलावा जावित्री भी रंगी हुई बाजार में अधिक आने से बढ़िया लाल 200 रुपए लुढ़ककर 1700 रुपए प्रति किलो पर आ गयी, जबकि थोक व्यापार 1550/1600 से अधिक का नहीं सुना गया। नीचे वाले माल 1200/1300 रुपए बोले गये। जायफल में भी अंदरूनी बाजार दबे रहे। इसके अलावा हल्दी इरोड, वारंगल, दुग्गीराला लाइन से आवक बढ़ जाने एवं पुराना स्टॉक निकलने से 200 रुपए गिरकर 6800/6900 रुपए यहां एज़इटीज क्वालिटी की रह गयी। इसके नीचे भी पुराने माल के हिसाब से हल्दी बिकने की खबर थी। इसके साथ-साथ जीरा ऊंझा मंडी में एक सप्ताह पहले 6000 बोरी दैनिक आ रहा था, जो सप्ताह के अंतिम दिन 17-18 हजार बोरी दैनिक आने से वहां 70/75 रुपए घटकर एवरेज क्वालिटी का 2900/3050 रुपए प्रति 20 किलो रह गया। यहां भी इसके भाव एवरेज माल के 16400/16500 रुपए पर 300 रुपए क्विंटल लुढ़क गये। इमली, सप्ताह मध्य में नरमी के बाद 100 रुपए मजबूत बोली गयी। मेवों में छुहारा भारतीय सीमाओं पर तनाव के चलते यहां आना बंद हो गया, जिसके चलते 2000 रुपए उछलकर 8/17 हजार रुपए प्रति क्विंटल हो गया। आबजोश भी 2000 रुपए उछलकर 6600/23000 रुपए एवं सक्करपारा 10/16 हजार रुपए प्रति 40 किलो की ऊंचाई पर जा पहुंचे। अखरोट भी 300 से बढ़कर अमेरिका वाली 330 रुपए प्रति किलो हो गयी। कश्मीरी माल भी 280 रुपए बोलने लगे।