रिश्तों पर भारी पड़ती है पैसों की चमक

बिना पैसे खर्च किए शादी हो, यह किसी भी युग में सम्भव नहीं था। जैसे-जैसे हम आधुनिक होते जा रहे हैं, दहेज ने भी अपने कई आधुनिक नाम रख लिए हैं। पैसे की जगह अब गिफ्ट, वाऊचर सहित नौकरी वाली लड़की ने ली है। अब माता-पिता भी लड़कों की तरह लड़कियों को पढ़ा  लिखा रहे हैं, क्योंकि हमारी लड़कियां पढ़-लिख कर नौकरी कर रही हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आज हमारे जीवन में रिश्तों से ज्यादा पैसे को महत्व दिया जा रहा है और पैसे की चमक हमारे रिश्तों पर भारी पड़ती जा रही है।

—डा. सुभाष पुरी ‘राही’
मो. 81969-72992